14 साल की दुआ दिखाती है पाकिस्तान का सच:घर के बाहर से अगवा, फिर जबरिया निकाह; न सरकार मदद कर रही और न मौलवी
पाकिस्तान में इन दिनों 14 साल की बच्ची के गुमशुदगी के मामले ने जोर पकड़ा हुआ है। वह शिया समुदाय से ताल्लुक रखती है। उसकी किडनैपिंग और फोर्स मैरिज की खबरें सामने आ रहीं थी। इससे लोगों में गुस्सा है। वे सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं।
दरअसल, दुआ जेहरा काजमी 16 अप्रैल 2022 को पाकिस्तान के कराची से लापता हो गई थी। इस मामले पर पुलिस का कहना था कि वह अपनी मर्जी से कहीं चली गई है। उसकी अम्मी फूट-फूटकर रो रही थी। अब्बू ने भी रोते हुए एक चैनल के जरिए आवाम को बताया कि वह अपनी बच्ची के लिए किस कदर तड़प रहे हैं।
सामने आया दुआ का वीडियो
इसी बीच खबर मिली की पुलिस ने दुआ को खोज लिया है। वो कराची से हजारों किलोमीटर दूर पंजाब प्रांत के ओकारा जिले में मिली। खास बात तो ये है कि उसने एक एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में उसने कहा- मैं 18 साल की हूं और मेरा अपहरण नहीं किया गया है। मैंने अपनी मर्जी से लाहौर में रहने वाले जहीर अहमद से शादी कर ली है।
दुआ का वीडियो सामने आते ही उसके पिता का कहना है कि वह 14 साल की है और उसने दबाव में आकर ये वीडियो बनाया है। दुआ के पिता मेहदी काजिम ने कहा- जब मेरी शादी को ही 18 साल नहीं हुए हैं तो दुआ की उम्र 18 साल कैसे हो सकती है। उन्होंने दुआ का बर्थ सर्टिफिकेट दिखाया जिसमें बर्थडेट 27 अप्रैल, 2008 लिखी हुई है।
शिया मुस्लिम होने के कारण मस्जिद ने ठुकराई फरियाद
पाकिस्तान के शिया अल्पसंख्यक समुदाय में सुरक्षा को लेकर आशंकाएं बढ़ी हैं। वहां शिया मुस्लमानों की आबादी सिर्फ 20% है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दुआ के अम्मी-अब्बू ने दावा किया कि मस्जिदों ने शिया मुस्लिम होने के कारण उनकी मदद करने से इनकार कर दिया। दुआ के पिता ने कहा- मैं कई मस्जिदों में गया। मैंने मौलवियों से अपनी बेटी को ढूंढने के लिए मदद मांगी। मैंने कहा कि उसके नाम का अनाउंसमेंट किया जाए। लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। क्योंकि हम शिया हैं। उन्होंने (मस्जिद) कहा कि हम इस नाम का ऐलान नहीं कर सकते, क्योंकि वह (दुआ) शिया समुदाय से है।
कोर्ट पहुंचा मामला
पुलिस ने दुआ को कोर्ट में पेश किया। दुआ ने अदालत को बताया कि उसने अपनी मर्जी से अपने माता-पिता का घर छोड़ा था और किसी ने उसका अपहरण नहीं किया था। उसने कहा कि उसकी उम्र 18 साल है। इसलिए उसे शेल्टर होम नहीं भेजा जाना चाहिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट में दुआ का फेक बर्थ सर्टिफिकेट दिया गया। इसमें उसकी उम्र 18 साल थी। जिसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट तसावर इकबाल ने कहा कि वह जहां चाहे वहां जाने के लिए स्वतंत्र है। उसे मर्जी के खिलाफ कहीं जाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
वहीं खबरों के मुताबिक, दुआ जेहरा ने अपने पिता और चचेरे भाई सैयद जैनुल आबिदीन के खिलाफ जिला और सत्र अदालत में याचिका दायर की है। दुआ ने उन पर उसे और उसके पति को धमकाने के आरोप लगाए हैं। उसने कोर्ट से पिता और चचेरे भाई को सजा देने की भी मांग की है।
5 साल में सैकड़ों शिया मुसलमानों की हत्या, कई लापता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में पिछले पांच सालों में शिया मुसलमानों के खिलाफ हिंसा काफी बढ़ गई है। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में शिया मुसलमानों की हत्या कर दी गई। इसके अलावा कई शिया समुदाय के युवा, महिलाएं अभी लापता हैं।
कुछ साल पहले तक शिया समुदाय के लोगों को मैसेज के जरिए पहले धमकी दी जाती थी और फिर ग्रेनेड से हमला कर उनकी हत्या कर देते थे। मानवाधिकार संगठनों ने आरोप लगाया है कि 2001 से 2021 तक पाकिस्तान में अलग-अलग हमलों और टारगेट किलिंग में 2,600 शिया मारे गए हैं। हालांकि ये सरकारी आंकड़े हैं। असल संख्या ज्यादा हो सकती है।
Source : Dainik Bhaskar