एक ओर जहां विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर परीक्षार्थियों को 30 सितंबर को आयोग के सामने एकत्रित होने का आह्वान किया गया है।
राजभवन से आयोग तक पहुंची शिकायतों के बाद गड़बड़ी की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। आयोग के सचिव ने दो कोचिंग संस्थानों और चार अभ्यर्थियों को साक्ष्य के साथ 30 सितंबर को आयोग में तलब किया है। आरोप है कि शिकायत में दिए गए सीडी में कोई डेटा नहीं है और पेन ड्राइव के साक्ष्य के लिए मूल दस्तावेज की मांग की गई है।
आयोग ने शिकायतकर्ताओं से जवाब मांगा है कि जांच पूरी होने से पहले परीक्षार्थियों को एकत्रित करने की मंशा क्या है। आयोग ने यह भी पूछा है कि क्या इसके लिए उचित अनुमति ली गई है और क्या यह जांच को प्रभावित करने का प्रयास है। आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर विधि व्यवस्था भंग होती है तो शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला झारखंड की राजनीति में तूल पकड़ता जा रहा है और परीक्षार्थियों के भविष्य पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है।
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नोट: यह लेख समाचारों के आधार पर तैयार किया गया है और इसमें किसी भी प्रकार का पूर्वाग्रह नहीं रखा गया है।