यह ब्लॉक तब किया गया जब ऑस्ट्रेलिया टुडे ने ऑस्ट्रेलिया में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पेनी वोंग के प्रेस कॉन्फ्रेंस को दिखाया। जैसवाल ने इसे “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा की दोहरी नीति” बताया।
“ऑस्ट्रेलिया टुडे” ने भी इस कदम का विरोध किया और इसे “खुली और सटीक पत्रकारिता” के खिलाफ बताया। यह विवाद तब उठा जब जयशंकर ने तीन मुख्य बिंदुओं पर कनाडा को जवाब दिया जिसमें भारत के खिलाफ आरोपों के सबूत की कमी, भारतीय राजनयिकों पर निगरानी, और खालिस्तानी समर्थकों को कनाडा में राजनीतिक जगह देने का मुद्दा शामिल था।
ट्रूडो सरकार पर आरोप लगाते हुए जैसवाल ने कहा कि यह कदम उनके झूठों के उजागर होने के डर के कारण उठाया गया है। जैसवाल ने कहा कि कनाडा अगर सही होता तो इसे ब्लॉक करने की बजाय एक साधारण बयान दे सकता था।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया टुडे ने भी कहा कि यह प्रतिबंध उनके टीम के लिए कठिनाई भरा रहा है। इस विवाद ने कनाडा की साख पर सवाल उठाए हैं क्योंकि अब उनका यह कदम अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना कर रहा है।
मुख्य बिंदु:
- कनाडा ने ऑस्ट्रेलिया टुडे को ब्लॉक किया।
- भारत ने इसे “स्वतंत्रता पर हमला” बताया।
- ऑस्ट्रेलिया टुडे ने इसे “खुली पत्रकारिता के विरुद्ध” कदम कहा।
- जयशंकर ने कनाडा के आरोपों को बेबुनियाद बताया।
- विदेश मंत्रालय ने कनाडा के झूठों के उजागर होने की बात कही।
- भारतीय राजनयिकों पर निगरानी का मुद्दा उठाया गया।
- कनाडा ने अब तक इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया।
- भारत कनाडा पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दवाब बनाने की योजना में।
- ऑस्ट्रेलिया टुडे ने इसे “खुली पत्रकारिता पर रोक” बताया।
- इस विवाद ने कनाडा की अंतरराष्ट्रीय साख पर नकारात्मक प्रभाव डाला।