बेंगलुरु: SM कृष्णा का राजनीतिक सफर और योगदान.
बेंगलुरु: सोमनाहली मल्लैया कृष्णा (SMK) ने अपने पांच दशक लंबे राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
उनकी कड़ी मेहनत और नेतृत्व क्षमता से राज्य और देश में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
राजनीतिक यात्रा:
कृष्णा ने अपने करियर की शुरुआत 1962 में मद्दुर विधानसभा सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में की, जहां उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता K.V. शंकर गोवदा को हराया।
इसके बाद वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
वे कई बार कर्नाटका के मुख्यमंत्री रहे और राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिनमें उपमुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष शामिल हैं।
केंद्र सरकार में उन्होंने विदेश मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
कृष्णा को राज्यसभा और लोकसभा का सदस्य भी चुना गया और उन्होंने कर्नाटका में कांग्रेस के प्रमुख के रूप में कार्य किया।
बेंगलुरु का ग्लोबल हब बनाना: 6. मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने आईटी क्षेत्र को बढ़ावा दिया, जिससे बेंगलुरु को सिलिकॉन वैली का एक वैकल्पिक केंद्र बनाने में मदद मिली।
7. उनके प्रयासों के कारण बेंगलुरु में युवाओं के लिए कई रोजगार के अवसर पैदा हुए।
शिक्षा और पृष्ठभूमि: 8. कृष्णा का जन्म सोंमनाहली, मंड्या जिले में 1 मई 1932 को हुआ था।
9. उन्होंने महाराजा कॉलेज, मैसूर से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री ली।
10. इसके अलावा, उन्होंने सदरन मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी, डलास (अमेरिका) और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की, जहां वे फुलब्राइट स्कॉलर भी थे।
SM कृष्णा का योगदान कर्नाटका और भारत के विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण था और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।