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रूस-यूक्रेन युद्ध का असर : 10 साल के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा कच्चा तेल, उत्पादन नहीं बढ़ाएगा ओपेक

रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अब अंतरराष्ट्रीय बाजार और दुनिया के आम जनजीवन पर पड़ना शुरू हो गया है. इसी का नतीजा है कि गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 10 साल के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत बढ़कर 117 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है. वहीं, तेल उत्पादक ओपेक देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. गुरुवार को जहां ब्रेंट क्रूड का दाम बढ़कर 117 डॉलर पर पहुंचा. वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 2.67 फीसदी की तेजी लेते हुए 113.6 डॉलर प्रति बैरल हो गई. ब्रेंट क्रूड का भाव 2011 के बाद सबसे ज्यादा है.

बताते चलें कि यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के साथ ही पिछले गुरुवार को ही सात साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए बेंट क्रूड 2014 के बाद पहली बार भाव 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया था. पिछले चार महीनों के दौरान इसमें लगातार तेजी आई है. आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में ब्रेंट क्रूड का भाव 10.22 फीसदी, जनवरी में 17 फीसदी, फरवरी में 10.7 फीसदी और मार्च में अब तक 16 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में आ रहे उछाल का सबसे ज्यादा असर भारत पर दिखाई देगा. इसकी वजह से देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में बड़ी तेजी आने की संभावना जताई जा रही है. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भी देश में बीते चार महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं. हालांकि, इसके पीछे देश के पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव को कारण बताया जा रहा है.

Source : Prabhat Khabar

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