
जिससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। जाजपुर जिले में संक्रमण के कई मामले सामने आने के बाद अब यह बीमारी भद्रक और क्योंझर (केंदुझर) जिलों तक भी फैल गई है, जहां से डायरिया के कई नए मरीजों की खबर आ रही है। इस बढ़ती हुई संक्रामक बीमारी ने स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन पर अतिरिक्त दबाव डाल दिया है, जिससे निपटने के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डायरिया के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीरता व्यक्त की है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि दूषित पेयजल और खराब स्वच्छता डायरिया के फैलने के मुख्य कारण हो सकते हैं, खासकर मॉनसून के आगमन से पहले ऐसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन ने लोगों से उबला हुआ पानी पीने, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने और खुले में शौच न करने की अपील की है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता महसूस की जा रही है ताकि बीमारी को नियंत्रित किया जा सके।
राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में चिकित्सा टीमों को तैनात कर दिया है और स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मरीजों को उचित चिकित्सा सहायता प्रदान करने और बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक दवाएं और ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ओआरएस) के पैकेट व्यापक रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। स्थानीय निकायों को स्वच्छता अभियान तेज करने और सभी जल स्रोतों की जांच करने का निर्देश दिया गया है। लोगों से भी सहयोग की अपील की गई है ताकि इस संक्रामक बीमारी के फैलाव को नियंत्रित किया जा सके और जनजीवन को सुरक्षित रखा जा सके।