National

मेघालय के राज्यपाल का PM पर कमेंट:बोले- मोदी का दोस्त अडानी, इसलिए लागू नहीं हो रही MSP; किसानों को हराया नहीं जा सकता

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक किसानों के मुद्दे को लेकर मुखर नजर आ रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि MSP देश में इसलिए लागू नहीं हो रही, क्योंकि प्रधानमंत्री का एक दोस्त है, जिसका नाम अडानी है। वह पिछले 5 साल के भीतर एशिया का सबसे अमीर आदमी बन गया।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि देश के किसानों को हराया नहीं जा सकता। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वह अपना विरोध जारी रखेंगे। मेघालय के राज्यपाल रविवार को हरियाणा के नूंह स्थित वीर भगत सिंह गौशाला में कार्यक्रम में शामिल आए थे। सत्यपाल मलिक ने कहा कि अगर MSP को लागू नहीं किया गया और इसकी कानूनी गारंटी नहीं दी तो फिर एक और लड़ाई होगी।

इस बार यह भयंकर लड़ाई होने वाली है। आप इस देश के किसान को नहीं हरा सकते, क्योंकि ED या आयकर विभाग के अधिकारी नहीं भेज सकते तो आप किसानों के कैसे डराएंगे। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। इसमें निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मैं भाजपा में ही 8-10 लोगों के नाम गिना सकता हूं। एजेंसियों को निष्पक्ष रूप से काम करने देना चाहिए।

अडानी ने पानीपत में गोदाम बनाकर गेहूं स्टॉक किया

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अडानी ने पानीपत में एक बड़ा गोदाम बना लिया है और सस्ते दामों पर खरीदे गए गेहूं से उसका स्टॉक भी कर लिया। जब महंगाई होगी, तब उस गेहूं को बेच देंगे। ऐसे प्रधानमंत्री के दोस्त मुनाफा कमाएंगे और किसानों को नुकसान होगा। इसके खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी जाएगी।

गुवाहाटी एयरपोर्ट का किस्सा सुनाया

सत्यपाल ने गुवाहाटी एयरपोर्ट का एक किस्सा भी सुनाया। सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं जब भी कही जाता हूं तो गुवाहाटी हवाई अड्‌डे से ही जाता हूं। एक बार गुवाहाटी हवाई अड्‌डे पर गुलदस्ता पकड़े एक महिला से मिला। जब मैंने पूछा कि वह कहां से है तो उसने जवाब दिया हम अडानी की तरफ से आए हैं। मैंने पूछा इसका क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि यह हवाई अड्‌डा अडानी को सौंप दिया गया है। अडानी को हवाई अड्‌डा, बंदरगाह, प्रमुख योजनाएं दी गई हैं और एक तरह से देश को बेचने की तैयारी है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

PM से मुलाकात की बात दोहराई

सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन के वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई मुलाकात की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और कहा था कि किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे थे। उनमें से प्रत्येक व्यक्ति 40 गांवों का मुखिया था, 700 किसान मारे गए। जब एक कुत्ता मर जाता है तो दिल्ली से शोक संदेश भेजा जाता है। किसानों के लिए कोई शोक संदेश नहीं भेजा गया। बाद में किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़े और माफी भी मांगनी पड़ी।

Source:Prabhat Khabar

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button