आर्मी चीफ बाजवा की इमरान को सलाह:माइनस वन फॉर्मूला मानें; खुद कुर्सी छोड़ें, अपनी ही पार्टी के किसी और नेता को PM बनाएं
पाकिस्तान में सियासी पारा बहुत तेजी से चढ़ रहा है। अब तक मामले में न्यूट्रल नजर आ रही फौज पहली बार अचानक एक्टिव दिखने लगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की। बाजवा ने इमरान से कहा कि वो मुल्क को टकराव और हिंसा के रास्ते पर ले जाने से बाज आएं। दावा किया जा रहा है कि बाजवा ने खान से कहा कि वो कुर्सी छोड़ दें और अपनी जगह अपनी ही पार्टी के किसी और नेता को प्रधानमंत्री बना दें। इसे माइनस वन फॉर्मूला कहा जा रहा है।
इमरान से नाराज फौज
पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार अफसार आलम और जफर नकवी ने यूट्यूब पर बाजवा-इमरान की मुलाकात के बारे में जानकारी दी है। इस मुलाकात में ISI चीफ नदीम अंजुम और प्रेसिडेंट आरिफ अल्वी भी मौजूद थे। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मी चीफ ने सिंध हाउस पर इमरान की पार्टी के लोगों द्वारा किए गए हमले पर सख्त नाराजगी जाहिर की।
उन्होंने खान से दो टूक कहा कि हुकूमत ही अगर हिंसा भड़काएगी तो फिर फौज को दखल देना पड़ेगा। इस्लामाबाद में 22 और 23 मार्च को मुस्लिम देशों के संगठन OIC की मीटिंग होनी है और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम भी यहां है। लिहाजा, सरकार ऐसा कोई काम न करे, जिससे मुल्क की और बदनामी हो।
सेना ने OIC की बैठक के बाद इमरान से मांगा इस्तीफा
सूत्रों के मुताबिक पाक सेना के अधिकारियों ने इमरान से इस्लामिक देशों के संगठन OIC की बैठक के बाद इस्तीफा देने को कह दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इमरान ने जनरल बाजवा और खुफिया अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम से मुलाकात की थी। इसके बाद बाजवा और तीन वरिष्ठ सैन्य अफसरों ने इमरान को इस्तीफा देने को कहा।
11 मार्च को इमरान और सेना के बीच दरार सामने आई थी। इमरान ने तब विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न करने की बाजवा की सलाह खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि बाजवा ने मुझसे कहा कि मैं JUI-F नेता मौलाना फजलुर रहमान को डीजल न कहूं, लेकिन पाकिस्तान के लोगों ने ही उन्हें डीजल नाम दे दिया है।
OIC की बैठक 22-23 मार्च को
इमरान के खिलाफ लामबंद विपक्ष सोमवार से संसद सत्र बुलाने की मांग कर रहा है, जिसमें अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगा। अन्यथा उसने संसद में धरना देने और OIC की बैठक में रुकावट पैदा करने की धमकी दी है। OIC के विदेश मंत्रियों की दो दिन की बैठक मंगलवार से होगी।
अंतिम कोशिश भी नाकाम
इमरान के बचाव के लिए पूर्व सेना प्रमुख राहिल शरीफ भी बाजवा से मिलने पहुंचे। पार्टी को उम्मीद थी कि शरीफ की बाजवा से मुलाकात से समाधान निकलेगा, जिससे सरकार बच जाएगी, लेकिन शरीफ अपने मिशन में नाकाम रहे।
क्या बन रहे हैं समीकरण
माना जा रहा है कि 25 या 28 मार्च को संसद में इमरान के खिलाफ नो-कॉन्फिडेंस मोशन यानी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। इमरान और उनके मंत्री जानते हैं कि वोटिंग में सरकार का गिरना तय है। लिहाजा, वो इसे टालने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष के साथ ही अपनी ही पार्टी के उन सांसदों को भी धमकाया जा रहा है जो सरकार के खिलाफ वोट दे सकते हैं। ये सांसद फिलहाल, इस्लामाबाद के सिंध हाउस में रुके हुए हैं। माना जा रहा है कि विपक्ष के पास अब करीब 200 और इमरान के पास करीब 145 सांसद हैं। बहुमत का आंकड़ा 172 है।
माइनस वन फॉर्मूला
आलम और नकवी के अलावा भी पाकिस्तान के कई जर्नलिस्ट्स ने माइनस फॉर्मूले की तरफ इशारा किया है। दरअसल, विपक्ष और इमरान की पार्टी के सांसदों को वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) के तौर पर खान कतई मंजूर नहीं हैं। मुल्क दिवालिया होने की कगार पर है और ताकतवर फौज नहीं चाहती कि किसी भी सूरत में सियासी हालात बिगड़ें। लिहाजा, उसने माइनस वन फॉर्मूला खोजा है। इसका मतलब ये है कि इमरान खुद इस्तीफा दें और अपनी ही पार्टी के किसी नेता को प्रधानमंत्री बना दें, लेकिन कहा जा रहा है कि खान इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में सरकार का गिरना तय है और विपक्ष सरकार बनाएगा।
दोस्त भी नाराज
इमरान के करीबी दोस्त और उनकी ही पार्टी के सांसद आमिर लियाकत ने भी शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने इमरान से कहा था- अगर आपकी पार्टी के सांसद ही आपके साथ नहीं हैं तो ऐसी सत्ता से चिपके रहने का कोई मतलब नहीं। मैंने सुना है कि आप अपने मनपसंद अफसर को आर्मी चीफ बनाना चाहते हैं, अगर ऐसा हुआ तो मुल्क में बवाल मच जाएगा। हमारे हालात पहले ही बदतर हैं। लिहाजा, आप आग में घी न डालें।
Source : Dainik Bhaskar