सुधास कन्नोथ अपनी पत्नी प्रीति और बेटे मृणाल के साथ 21 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे थे, लेकिन उनकी पहाड़ी पर घुड़सवारी की योजना इस दुर्घटना के कारण टल गई।
सुधास ने बताया कि जब वे घोड़े पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तो अचानक घोड़ा फिसल गया, जिससे उन्हें मामूली चोटें आईं। इस वजह से उन्होंने और उनके परिवार ने उस दिन घुड़सवारी का विचार त्याग दिया और होटल में ही रुकने का फैसला किया। अगले दिन, जब उन्हें उस भयानक आतंकी हमले की खबर मिली जो बाईसरन में हुआ था, तो उन्हें एहसास हुआ कि एक मामूली दुर्घटना ने वास्तव में उनकी जान बचा ली।
सुधास ने कहा कि अगर वे अपनी योजना के अनुसार उस दिन घुड़सवारी के लिए गए होते, तो वे भी आतंकवादियों की गोलीबारी का शिकार हो सकते थे। इस घटना ने उन्हें और उनके परिवार को गहरा सदमा पहुंचाया है, लेकिन वे इस बात के लिए शुक्रगुजार हैं कि वे सुरक्षित हैं। फिलहाल, वे जल्द से जल्द अपने घर केरल लौटने की व्यवस्था कर रहे हैं।



