Jharkhand

झारखंड में  बढ़ती महंगाई के बाद बिजली भी जेब पर बढ़ाएगी बोझ, 17 फीसदी तक बढ़ सकती हैं दरें

महंगाई के बीच बढ़ती झारखंड के लोगों को अब बिजली का झटका लग सकता है। यहां बिजली महंगी हो सकती है। बिजली की दरों में 17 फीसदी तक की वृद्धि का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव पर झारखंड ऊर्जा विकास निगम के निदेशक मंडल ने सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। सूत्रों के अनुसार झारखंड ऊर्जा विकास निगम के निदेशक मंडल की बुधवार को हुई बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की दरों में लगभग 16 से 17 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति दे दी गई। 

अब जेबीवीएनएल अगले माह तक यह प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष पेश करेगा। पंचायत चुनाव की वजह से बैठक में लिये गये फैसलों की अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। जेबीवीएनएल ने 2022-23 के लिए दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव पिछले वर्ष दिसंबर में ही आयोग के पास दिया था। उस वक्त उपभोक्ताओं की श्रेणी के आधार पर दरों में वृद्धि का प्रस्ताव जमा नहीं किया गया था। अब घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक, कृषि-सिंचाई को उपलब्ध दर में कितनी-कितनी बढ़ोत्तरी करनी है, यह तय होगा।

बिजली खरीद समझौते पर मुहर

जेबीवीएनएल और डीवीसी के बीच 50 मेगावाट बिजली खरीद के समझौता पर भी बोर्ड की मुहर लग गई है। राज्य में बिजली संकट की स्थिति को देखते हुये डीवीसी से 50 मेगावाट अतिरिक्त बिजली के लिये दोनों निगमों के बीच समझौता किया गया है। यह समझौता 4.40 रुपये प्रति यूनिट की दर से एक महीने के दौरान बिजली खरीद के लिये किया गया। इस समझौते को चतरा स्थित नॉर्थ कर्णपुरा से बिजली आपूर्ति शुरू होने तक अवधि विस्तार दिया जा सकेगा। यह समझौता हो चुका है। इसे घटनोत्तर स्वीकृति दी गई है।

राज्य विद्युत नियामक आयोग जल्द होगा क्रियाशील

झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष समेत दोनों सदस्यों के पद रिक्त हैं। इस कारण ही पिछले वित्तीय वर्ष में जेबीवीएनएल के बिजली टैरिफ पर आयोग का फैसला नहीं आ सका। 19 फरवरी 2021 से ही आयोग निष्क्रिय है। लेकिन, सरकार द्वारा आयोग में अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक नियुक्ति हो सकती है। ऐसे में बिजली दरों के प्रस्ताव पर फैसला हो जाएगा। आयोग जनसुनवाई आदि की प्रक्रिया पूरी करके बढ़ोत्तरी पर फैसला लेता है।

संसाधन के लिये 180 करोड़

झारखंड ऊर्जा विकास निगम निदेशक मंडल की हुई बैठक में 100 करोड़ रुपये वार्षिक विकास मद के लिये मंजूर किये गये हैं। इससे राज्य में बिजली के ट्रांसफार्मरों, तारों को बदलने के साथ-साथ इसे दुरूस्त भी किया जाएगा। दूसरी ओर ओएनएम (ऑपरेशन-मेटेनेंनस) मद में 80 करोड़ रुपये खर्च करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इससे बिजली के संसाधनों का रखरखाव किया जा सकेगा।

SOURCE-HINDUSTAN

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button