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रूस के ऐक्‍शन से गेहूं के लिए फिर तरसेगी दुनिया! बढ़ने लगा दाम, भारत से लेकर अफ्रीका तक होगा असर

काला सागर में रूस के एक ऐलान से दुनिया फिर से सहमी हुई है। रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन के साथ अनाज समझौते से पीछे हट रहा है। यही नहीं व्‍लादिमीर पुतिन की सरकार ने धमकी दी है कि काला सागर में यूक्रेन के बंदरगाह की ओर बढ़ते जहाजों को वह सैन्‍य जहाजों के रूप में देखेगा। रूस के इस ऐलान के बाद अब दुनियाभर में गेहूं के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। इससे पहले रूस ने काला सागर के रास्‍ते यूक्रेन के गेहूं और अन्‍य अनाजों से भरे जहाजों को सुरक्षित रास्‍ता देने के समझौते से खुद को अलग कर लिया था।

इस बीच अमेर‍िका ने आरोप लगाया है कि रूस यूक्रेन के मालवाहक जहाजों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है। वहीं पुतिन ने कहा है कि अगर उनकी मांगों को मान लिया जाता है तो वह तुरंत अनाज समझौते पर वापस लौट आएंगे। पुतिन ने मांग की है कि रूस के कृषि बैंक को वैश्विक पेमेंट सिस्‍टम से जोड़ा जाए। इस बीच रूस के यूक्रेन पर भीषण हमले जारी हैं। अनाज समझौते को लेकर यूक्रेन ने दुनिया से मदद की गुहार लगाई है। इस बीच रूस के ऐलान के बाद यूरोपीय स्‍टॉक एक्‍सचेंज में गेहूं की कीमत एक दिन में ही 8.2 प्रतिशत बढ़ गई है।

रूसी हमले में यूक्रेन का 60 हजार टन अनाज नष्‍ट

इसके अलावा मक्‍के की कीमत में भी 5.4 फीसदी की बढ़ोत्‍तरी हुई है। यूक्रेन गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में आता है। यूक्रेन के कृषि मंत्री मयकोला सोलस्‍की ने कहा है कि रूसी हमले में 60 हजार टन अनाज नष्‍ट हो गया है। इसके अलावा गेहूं को निर्यात करने का आधारभूत ढांचा भी तबाह हो गया है। रूस ने इस समझौते से हटने के तुरंत बाद मंगलवार को यूक्रेन के बंदरगाहों को निशाना बनाया था जहां से गेहूं का निर्यात किया जाता था। अगर यह डील फिर से शुरू नहीं होती है तो भारत से लेकर अफ्रीका तक इसका व्‍यापक असर देखा जाएगा। अफ्रीकी देशों में भुखमरी की स्थित‍ि आ सकती है।

इस बीच रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, रूस काला सागर के पानी से यूक्रेनी बंदरगाहों तक जाने वाले सभी जहाजों को ‘सैन्य माल के संभावित वाहक’ के रूप में मानेगा। बुधवार को रूस की ओर से कहा गया कि ‘काला सागर पहल की समाप्ति और समुद्री मानवीय गलियारे में कटौती के कारण, काला सागर में यूक्रेनी बंदरगाहों के रास्ते में आने वाले सभी जहाजों को 20 जुलाई रात 12 बजे से सैन्य कार्गो के संभावित वाहक माना जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि जिन देशों के झंडे उन जहाजों पर मौजूद होंगे, उन्हें यूक्रेन की ओर से संघर्ष में पार्टियों के रूप में देखा जाएगा।

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