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सैनिकों को चीनी भाषा सिखाकर सीमा पर संवाद बढ़ाना.

धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश: सीमा विवादों के बीच हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Himachal Pradesh) ने एक अहम और अद्वितीय पहल की है।

विश्वविद्यालय भारतीय सेना के जवानों के लिए चीनी भाषा (Chinese Language) का एक विशेष पाठ्यक्रम शुरू करेगा। इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के संवाद कौशल (Communication Skills) को बढ़ाना है ताकि आपसी समझ बेहतर हो सके।

विश्वविद्यालय का मानना है कि भाषा की समझ होने से सीमा पर अक्सर होने वाले तनाव और गलतफहमियों को कम किया जा सकता है। यह कोर्स जवानों को केवल भाषा ही नहीं, बल्कि चीन की संस्कृति और उनके संवाद के तरीकों को भी समझाएगा। यह प्रशिक्षण वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैदल गश्त और फ्लैग मीटिंग के दौरान बहुत लाभदायक साबित हो सकता है। सेना ने भी इस पहल का स्वागत किया है।

इस अकादमिक पहल से भारत की सीमा सुरक्षा को एक नई रणनीतिक मदद मिलेगी। केंद्रीय विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम को सेना की जरूरतों के अनुसार तैयार किया है और जल्द ही इसे शुरू करने की योजना है। यह कदम शैक्षणिक संस्थानों और देश की सुरक्षा एजेंसियों के बीच एक सकारात्मक तालमेल का उदाहरण है। भाषा के इस पुल से सीमा पर शांति स्थापित करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

 

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