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ज्यूरिख की मीठी गलती: 150 साल पहले स्विट्जरलैंड में कैसे बनी वो चॉकलेट, जिसे हम आज खाना पसंद करते हैं

आज के दौर में चॉकलेट के दीवाने दुनिया भर में मौजूद हैं

मगर क्या आप जानते हैं कि वह स्वादिष्ट, मुंह में रखते ही घुल जाने वाली चॉकलेट, जिसे हम इतना पसंद करते हैं, उसकी शुरुआत दरअसल 150 साल पहले स्विट्जरलैंड में हुई एक गलती से हुई थी!

19वीं सदी में स्विट्जरलैंड के चॉकलेट उद्यमी रोडोल्फ लिंड्ट को इस क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिए जाना जाता है. वह चॉकलेट बनाने की प्रक्रिया में लगातार प्रयोग करते रहते थे. उन्हीं प्रयोगों में से एक दिन उन्होंने गलती से कोकोआ मक्खन और कोकोआ पाउडर को मिक्सर मशीन में ज्यादा देर तक चला दिया. यह एक गलती जरूर थी, लेकिन इसी गलती की बदौलत एक ऐसा चॉकलेट अस्तित्व में आया, जो न सिर्फ स्वाद में लाजवाब था बल्कि मुंह में रखते ही घुल जाता था.

यही वो चॉकलेट है जिसे हम आज इतना पसंद करते हैं. लिंड्ट ने इस अनोखे चॉकलेट को बनाने की प्रक्रिया में निरंतर सुधार किया और इस तरह उनके द्वारा बनाई गई चॉकलेट कंपनी Lindt आज दुनिया भर में प्रसिद्ध है.

दिलचस्प बात ये है कि आज स्विट्जरलैंड दुनिया का सबसे ज्यादा चॉकलेट खाने वाला देश है. यहां का औसत व्यक्ति एक साल में लगभग 10.4 किलो चॉकलेट खा जाता है! अगर आप कभी स्विट्जरलैंड की राजधानी ज्यूरिख घूमने जाएं, तो वहां स्थित लिंड्ट होम ऑफ चॉकलेट जरूर जाएं. वहां जाकर आप चॉकलेट के इतिहास और उसके निर्माण के बारे में विस्तार से जान सकते हैं.

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