राज्य में 684 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में वन और पेड़ों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसके बाद उत्तर प्रदेश (559 वर्ग किलोमीटर), ओडिशा (559 वर्ग किलोमीटर) और राजस्थान (394 वर्ग किलोमीटर) का नंबर आता है।
यह एक बेहद सकारात्मक संकेत है और यह दर्शाता है कि राज्य सरकार और स्थानीय लोगों द्वारा वन संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों से सफलता मिल रही है। छत्तीसगढ़ में वन क्षेत्र बढ़ने से न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन में भी सुधार आएगा।
ये हमें शुद्ध हवा प्रदान करते हैं, जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करते हैं और जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं। वन हमें लकड़ी, फल और अन्य वन उत्पाद भी प्रदान करते हैं।