दिल्ली में 15-16 नवंबर को दो दिवसीय बोड़ोलैंड महोत्सव, शांति और विकास का उत्सव
नई दिल्ली: असम के बोड़ोलैंड क्षेत्र में शांति स्थापना की खुशी में राष्ट्रीय राजधानी में 15 और 16 नवंबर को दो दिवसीय बोड़ोलैंड महोत्सव मनाया जाएगा।
अखिल बोड़ो छात्र संघ (ABSU) के अध्यक्ष दिपेन बरो ने कहा, “यह महोत्सव बोड़ोलैंड क्षेत्र में शांति और स्थिरता की पुनर्स्थापना का प्रतीक है, जो 27 जनवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हस्ताक्षरित ऐतिहासिक बोड़ो शांति समझौते (BTR समझौता) के बाद संभव हुआ। इस समझौते ने दशकों से चले आ रहे संघर्ष, हिंसा और जनहानि का समाधान किया, और असम और पूर्वोत्तर भारत में अन्य शांति समझौतों के लिए भी प्रेरणा का काम किया।”
यह आयोजन ABSU, बोड़ो साहित्य सभा (BSS), दुलराई बोड़ो हरिमु अफाद (DuBHA), गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा (GHSS) और बोड़ोलैंड टेरिटोरियल रीजन (BTR) सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।
भारत सरकार और असम सरकार ने बोड़ो नेताओं के साथ तीन ऐतिहासिक संधियां की हैं: 1993 में बोड़ोलैंड स्वायत्त परिषद (BAC) समझौता, 2003 में बोड़ोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) समझौता, और 2020 में बोड़ो शांति समझौता (BTR समझौता)।
दिपेन बरो ने कहा, “इन समझौतों ने बोड़ो समुदाय को उनकी प्राचीन गौरव और गरिमा वापस पाने में मदद की है, और उन्हें भारत की मुख्यधारा में विकास के साथ जोड़ने में सहायक साबित हुए हैं।”
बोरो ने बताया कि महोत्सव शांति, एकता और विकास की दिशा में किए गए प्रयासों का प्रतीक है। इस दौरान बोड़ो संस्कृति, परंपरा और साहित्य पर आधारित एक खुला सत्र भी आयोजित किया जाएगा।
इसके अलावा, मातृभाषा में शिक्षा के माध्यम से शिक्षा नीति 2020 की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा के लिए एक सत्र रखा गया है। बोड़ो भाषा को आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त है और असम की सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।