Fact-Check: फर्जी है मुस्लिम संगठन की मांगें रखने का दावा.
एक वायरल वीडियो क्लिप में दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम संगठनों, जैसे जमात-ए-इस्लामी और रजा अकादमी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों के लिए महा विकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं के सामने पांच प्रमुख शर्तें रखी हैं।
यह दावा फर्जी है, और इन संगठनों ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने ऐसी कोई मांग नहीं की है।
क्या है दावा?
वायरल क्लिप में हिंदी समाचार चैनल आज तक का एक फर्जी वीडियो दिखाया गया है जिसमें उर्दू में लिखे गए कुछ कथित शर्तों का जिक्र किया गया है। वीडियो में कहा गया है कि MVA नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने इन शर्तों को मान लिया है। इनमें एक मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने, कैबिनेट में 25% मुस्लिम मंत्रियों की नियुक्ति, वक्फ बोर्ड पर स्पष्ट रुख, मदरसों और उर्दू स्कूलों के लिए विशेष वित्तीय सहायता, और मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण की मांग शामिल है।
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर तेजी से साझा किया गया, जिसमें कहा गया कि यह MVA गठबंधन की गुप्त समझौता है।
वास्तविकता क्या है?
फैक्ट-चेक में पाया गया कि यह दावा फर्जी है। संबंधित मुस्लिम संगठनों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने MVA से ऐसी कोई मांग नहीं की है। इस तरह की भ्रामक जानकारी का उद्देश्य चुनावी माहौल में सामुदायिक विभाजन फैलाना है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर 2024 को होंगे और मतगणना 23 नवंबर को होगी।