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रमोजी राव: मीडिया और परोपकार के प्रतीक.

हर साल 16 नवंबर को नेशनल प्रेस डे मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत प्रेस काउंसिल के गठन की याद में हुई थी।

16 नवंबर का दिन विशेष है क्योंकि इस दिन महान मीडिया व्यक्तित्व रमोजी राव का भी जन्म हुआ था।

रमोजी राव ने 1974 में विशाखापट्टनम से ईनाडु अखबार की शुरुआत की और चार साल में इसे शीर्ष पर पहुंचा दिया। उन्होंने सिर्फ मीडिया तक खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने वित्त, फिल्म निर्माण, पर्यटन, खाद्य उद्योग, शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में कदम रखा, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला।

राव ने 1991 में दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी, रमोजी फिल्म सिटी, का निर्माण किया। उनकी दूरदृष्टि और मेहनत ने इसे 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए पर्यटन स्थल बनाया।

उनका मानना था, “काम, काम और कड़ी मेहनत ही सफलता का राज है।” वह हमेशा कहते थे, “आसमान ही सीमा है, अगर इच्छाशक्ति है।”

रमोजी राव ने अपनी पत्रकारिता को जनसेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने ईनाडु राहत कोष के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की मदद की। उनकी परोपकार भावना ने करोड़ों की सहायता जरूरतमंदों तक पहुंचाई।

उन्होंने तेलुगू भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने में भी योगदान दिया। उनके नेतृत्व में चतुरा, विपुला, और तेलुगु वेलुगु जैसे पत्रिकाएं शुरू की गईं।

राव का दृष्टिकोण हमेशा राष्ट्रव्यापी रहा, लेकिन उनका दिल तेलुगू लोगों और उनकी समृद्धि के लिए धड़कता था। वह हर क्षेत्र में नई सोच और दृष्टिकोण लेकर आए।

आज उनके परिवार ने उनकी परंपरा को आगे बढ़ाया है। उनकी पोती सहरी ने प्रिया फूड्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

रमोजी राव की प्रेरक कहानी यह सिखाती है कि कठिनाइयों को अवसर में कैसे बदला जा सकता है। वह हमेशा एक प्रेरणा के रूप में याद किए जाएंगे।

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