गुरुवार को कांग्रेस ने इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच की मांग फिर से उठाई और पूर्व सेबी प्रमुख माधबी बुच के खिलाफ भी जांच की मांग की।
कांग्रेस का बयान
कांग्रेस महासचिव सप्तगिरि उलका ने कहा, “अमेरिकी अदालत का आदेश हमारी बात को साबित करता है। राहुल गांधी लंबे समय से अडानी मामले में JPC जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया। राहुल गांधी बड़े कॉरपोरेट्स के प्राकृतिक संसाधनों के शोषण के खिलाफ हैं। हालांकि, अगर अडानी ने नियमों के तहत कोई कॉन्ट्रैक्ट लिया है, तो हमें आपत्ति नहीं है। लेकिन बीजेपी केंद्र एजेंसियों के दबाव से उन्हें फायदा पहुंचा रही है।”
चुनावों पर असर नहीं
उलका ने कहा कि इस आदेश का महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि मतदान पहले ही हो चुका है। लेकिन विपक्ष को उनके आरोपों को लेकर मजबूती जरूर मिलेगी।
झारखंड और महाराष्ट्र में अडानी की गतिविधियां
उलका ने कहा कि झारखंड में अडानी प्राकृतिक संसाधनों के कारण अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में धारावी पुनर्विकास परियोजना जैसे बड़े प्रोजेक्ट उन्हें दिए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि महा विकास अघाड़ी (MVA) ने सत्ता में आने पर धारावी प्रोजेक्ट रद्द करने की बात कही है।
JPC जांच की मांग जारी
कांग्रेस ने कहा कि 25 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में JPC जांच की मांग को फिर से उठाया जाएगा। उलका ने बताया कि संसदीय कार्य समिति ने माधबी बुच को तलब किया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुईं।
आंध्र प्रदेश में अडानी का प्रभाव
आंध्र प्रदेश के प्रभारी मणिकम टैगोर ने कहा कि अडानी पर अमेरिकी अदालत का आदेश राज्य में उनके और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के बीच गठजोड़ को उजागर करता है। टैगोर ने आरोप लगाया कि बंदरगाह और ऊर्जा परियोजनाओं में सार्वजनिक संसाधनों का निजी लाभ के लिए दुरुपयोग किया गया।
कांग्रेस का रुख
राहुल गांधी ने अडानी और प्रधानमंत्री के कथित संबंधों पर सवाल उठाए थे, जिसके कारण उनकी लोकसभा सदस्यता और आधिकारिक आवास छिन गया था। कांग्रेस छोटे निवेशकों की सुरक्षा के लिए सेबी प्रमुख माधबी बुच के खिलाफ भी निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है।