कांग्रेस का कहना है कि यह भ्रष्टाचार उस समय हुआ जब केंद्र सरकार के अधीन जम्मू-कश्मीर राष्ट्रपति शासन में था।
मुख्य बातें:
कांग्रेस का आरोप: जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारीक हामिद कर्रा ने कहा कि 2020 से 2024 के बीच जम्मू-कश्मीर केंद्र के सीधे नियंत्रण में था और यह भ्रष्टाचार बीजेपी के प्रभाव में हुआ।
JPC की मांग: कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनाने की मांग की।
चुनिंदा कार्रवाई का आरोप: कर्रा ने कहा कि विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई होती है, लेकिन प्रधानमंत्री के करीबी सहयोगियों पर कोई कदम नहीं उठाया जाता।
अदानी ग्रुप पर आरोप: अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने अदानी ग्रुप पर भारतीय अधिकारियों को ₹2029 करोड़ रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस का बयान: कर्रा ने कहा कि सोलर एनर्जी महंगी थी और निवेशकों ने इसे खरीदने में रुचि नहीं दिखाई। अदानी ग्रुप ने राजनेताओं और अफसरों को रिश्वत दी।
NC का रुख: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद सभी घोटालों की जांच करेगी।
केंद्र पर निशाना: कांग्रेस ने कहा कि अगर बीजेपी मानती है कि जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार हुआ, तो यह स्पष्ट है कि अदानी ने रिश्वत दी।
अदानी ग्रुप का जवाब: अदानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताया और कानूनी कदम उठाने की बात कही।
राष्ट्रीय राजनीति में उबाल: कांग्रेस और विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर अदानी का संरक्षण करने का आरोप लगाया।
लोगों की मांग: कांग्रेस और NC ने कहा कि जनता सच्चाई जानना चाहती है, इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।
क्यों है यह खबर महत्वपूर्ण?
सोलर पावर प्रोजेक्ट्स में रिश्वतखोरी का मामला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रहा है। यह घटना सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है।