देहरादून में MSME कॉन्क्लेव का आयोजन, रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा.
देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय की उत्पादन शाखा ने देहरादून में MSME कॉन्क्लेव का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में क्षेत्र के 70 से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया।
मुख्य बिंदु:
भारत ऑप्टेल लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक विपुल कुमार सिन्हा ने कार्यक्रम को प्रभावी बताया।
भारत ऑप्टेल ने उत्तराखंड क्षेत्र के सभी रक्षा पीएसयू को एक मंच पर लाने की पहल की।
450 रक्षा उपकरणों की इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग की सूची तैयार की गई।
इनमें से 300 उपकरण उत्तराखंड में ही बनाए जा रहे हैं।
मिसाइल तकनीक के बैलिस्टिक मैकेनिज्म और आई कंट्रोल सिस्टम का निर्माण भी हो रहा है।
क्षेत्रीय भू-राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
iDEX (इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस) पर जोर दिया गया।
रक्षा नवाचार संगठन (DIO) के विवेक वीरमणि ने MSMEs को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
रक्षा उत्पादन विभाग (DDP) उद्योग के साथ मिलकर ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए नए अवसरों की तलाश की जा रही है।
स्वदेशीकरण की दिशा में रक्षा उपकरणों का निर्माण एक बड़ा कदम है।
यह कॉन्क्लेव क्षेत्रीय उद्योगों के लिए नई संभावनाएं लेकर आया।
रक्षा मंत्रालय ने MSMEs और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया।
उत्तराखंड क्षेत्र में स्वदेशी उपकरणों का उत्पादन बढ़ रहा है।
कॉन्क्लेव में नवीन तकनीकों और उपकरणों पर चर्चा हुई।
भारत ऑप्टेल स्वदेशी निर्माण को प्राथमिकता दे रहा है।
मिसाइल इंफॉर्मेशन ब्लॉक जैसे उपकरणों का निर्माण स्वदेशी प्रयासों का हिस्सा है।
MSMEs को रक्षा क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने का अवसर मिला।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नई योजनाओं पर जोर दिया गया।
कॉन्क्लेव से स्थानीय उद्योगों को नई दिशा और प्रेरणा मिली।