उन्होंने बीमिली विधानसभा क्षेत्र के प्रभार से भी खुद को अलग कर लिया।
मुख्य बिंदु:
- राव ने वाईएसआरसीपी प्रमुख व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखकर इस्तीफा दिया।
- उन्होंने राजनीति से दूर रहने और पार्टी से इस्तीफे का निर्णय लिया।
- राव ने पार्टी में नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रति सम्मान की कमी का आरोप लगाया।
- उन्होंने कहा कि YSRCP के नेता और कार्यकर्ता पिछले पांच वर्षों में काफी परेशानियों से गुजरे हैं।
- राव ने कहा कि पार्टी में निर्णय लोकतांत्रिक तरीके से होने चाहिए, न कि एकतरफा।
- उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को टीडीपी-नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए कहना अनुचित बताया।
- मई 2024 के विधानसभा चुनावों में वाईएसआरसीपी को टीडीपी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा।
- चुनावों के बाद नारा चंद्रबाबू नायडू ने सत्ता में वापसी की।
- राव ने वाईएसआरसीपी में नेताओं और कार्यकर्ताओं के राजनीतिक और आर्थिक हितों की अनदेखी का आरोप लगाया।
- राव ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी को उनके द्वारा दिए गए अवसरों के लिए धन्यवाद कहा।
- इस्तीफे के बाद पार्टी में हलचल मच गई।
- राव का पार्टी छोड़ना YSRCP के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
- राव ने पार्टी में एकजुटता और सम्मान की कमी की ओर इशारा किया।
- वाईएसआरसीपी के अन्य नेता भी पार्टी नेतृत्व के फैसलों से नाराज बताए जा रहे हैं।
- राव के इस्तीफे ने बीमिली क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं।
- राव का शिक्षा क्षेत्र में भी बड़ा प्रभाव है, जिसे वह अब प्राथमिकता देंगे।
- टीडीपी की वापसी के बाद YSRCP को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
- वाईएसआरसीपी ने अभी तक राव के इस्तीफे पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
- राव का कहना है कि वह अब व्यक्तिगत और सामाजिक कार्यों पर ध्यान देंगे।
- पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए राव ने संगठनात्मक सुधारों की जरूरत पर जोर दिया।