उन्होंने द्विधातु सिक्कों और प्रिंटिंग त्रुटि वाले सिक्कों का एक विशाल संग्रह एकत्र किया है, जिसके लिए उन्हें यह खिताब मिला है।
शंकर राव ने बताया कि उन्होंने कई सालों तक इन सिक्कों को इकट्ठा करने में समय और मेहनत लगाई है। उनका यह शौक बचपन से ही रहा है और उन्होंने इस दिशा में बहुत शोध किया है।
उनके इस अनोखे संग्रह में दुनिया भर के दुर्लभ सिक्के शामिल हैं। इन सिक्कों की ऐतिहासिक और आर्थिक दृष्टि से काफी अहमियत है। शंकर राव का मानना है कि इन सिक्कों के माध्यम से वे लोगों को भारत के समृद्ध सिक्का इतिहास से रूबरू करा सकते हैं।
शंकर राव के इस उपलब्धि से पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों ने उन्हें बधाई दी है और उनके इस प्रयास की सराहना की है।