यह कदम चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में संभावित हड़ताल को देखते हुए उठाया गया है।
यह अधिनियम सुनिश्चित करता है कि आवश्यक सेवाएं, जैसे कि बिजली आपूर्ति, हड़ताल या अन्य विरोध प्रदर्शनों के दौरान बाधित न हों। इस अधिनियम के लागू होने से चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारी अब हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे, क्योंकि ऐसा करना अब कानूनी अपराध होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
चंडीगढ़ प्रशासन बिजली विभाग को निजी हाथों में देने की योजना बना रहा है। इस निर्णय का कर्मचारियों ने विरोध किया है और उन्होंने हड़ताल करने की धमकी दी है। अगर कर्मचारी हड़ताल पर चले गए तो इससे चंडीगढ़ में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती थी, जिसका आम लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता।
इस फैसले का क्या असर होगा?
इस फैसले से चंडीगढ़ में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। हालांकि, कर्मचारियों के हितों को लेकर चिंताएं भी जताई जा रही हैं। कर्मचारी संगठन इस फैसले का विरोध कर सकते हैं।