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विवादित ढांचा मस्जिद नहीं कहा जाना चाहिए: योगी आदित्यनाथ.

महाकुंभ नगर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि किसी विवादित ढांचे को "मस्जिद" नहीं कहा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस्लाम के सिद्धांत विवादित स्थानों पर मस्जिद जैसी संरचनाओं के निर्माण के खिलाफ हैं। मुख्यमंत्री ने यह बयान संभल में शाही जामा मस्जिद विवाद का जिक्र करते हुए दिया, जिससे पिछले साल नवंबर में हिंसा हुई थी।

एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विवादित स्थानों पर पूजा न तो भगवान को स्वीकार्य है और न ही इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप। इस्लाम खुद किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने या ऐसे स्थानों पर मस्जिद बनाने के खिलाफ सिखाता है।”

योगी आदित्यनाथ ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर भगवान इसे स्वीकार नहीं करते, तो हम ऐसी पूजा में क्यों शामिल हों?” उन्होंने जोर देकर कहा कि इस्लाम पूजा के लिए किसी विशेष ढांचे की आवश्यकता नहीं बताता, जबकि सनातन धर्म में मंदिर धार्मिक प्रथाओं के केंद्र में होते हैं।

मुख्यमंत्री ने एकता और प्रगतिशील सोच को अपनाने की वकालत करते हुए कहा, “यह नए भारत की दृष्टि को अपनाने का समय है।”

संभल में शाही जामा मस्जिद पर कोर्ट के आदेश से हुए सर्वे के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संभल का वर्णन इस्लाम के आने से पहले भगवान विष्णु के दसवें अवतार, कल्कि के जन्मस्थान के रूप में किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक दस्तावेज़ ‘आईन-ए-अकबरी’ के अनुसार, 1526 में श्री हरि विष्णु मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद का निर्माण किया गया। उन्होंने अपील की कि इस स्थल को स्वेच्छा से लौटाया जाना चाहिए।

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