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महंगाई से राहत नहीं, अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी रही, खाद्य पदार्थों के दाम 8.38 फीसदी बढ़े

आम आदमी को महंगाई  के मोर्चे पर राहत मिलती नहीं दिख रही हैं. एक तरफ जहां आरबीआई ने रेपो रेट को 40 बेसिस पाइंट बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया है. जिससे लोगों पर ईएमआई का बोझ बढ़ गया है. दूसरी तरफ अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 18 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.79 फीसदी पर पहुंच गयी. मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन ने आंकड़ा जारी करके इसकी जानकारी दी है. आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर मार्च में 6.95 फीसदी और फरवरी में 6.07 फीसदी रही थी.

लगातार चौथे महीने आरबीआई के टार्गेट रेंज से ज्यादा रही महंगाई

मालूम हो कि खुदरा महंगाई दर लगातार चौथे महीने आरबीआई के टार्गेट रेंज से ज्यादा रही. आरबीआई (RBI) ने महंगाई दर की अपर लिमिट 6 फीसदी तय की थी. वहीं आरबीआई ने सरकार को खुदरा महंगाई दर 2-6 फीसदी के बीच सीमित रखने को कहा है. लेकिन अप्रैल का डेटा दिखाता है कि यह अब उससे काफी ऊपर जा चुकी है.

खाने-पीने की चीजों में रिकॉर्ड महंगाई

आंकड़ों के अनुसार, खाने-पीने की चीजों के दाम बेकाबू हो गये हैं. इसका पता अप्रैल के फूड बास्केट की महंगाई के आंकड़े से पता चल रहा है. अप्रैल में खाने की चीजों की महंगाई 8.38 प्रतिशत पर रही. जबकि मार्च 2022 में यह 7.68% थी. पिछले साल अप्रैल में तो यह मात्र 1.96 फीसदी थी.

खाद्य तेल के दाम बढ़ने से खाने-पीने के सामान हुए महंगे

खाने-पीने की महंगाई बढ़ाने में सबसे बड़ा हाथ खाद्य तेल की कीमतों का है. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट और ईंधन की कीमतों के उच्च स्तर पर बने रहने से भी महंगाई बढ़ी है. खाद्य तेलों की महंगाई दर अप्रैल में सबसे अधिक 17.28% रही. जबकि सब्जियों की महंगाई दर 15.41% रही. इसके अलावा फ्यूल और लाइट की महंगाई दर अप्रैल में 10.80 फीसदी रही.

शहरों के मुकाबले गांवों में ज्यादा महंगाई

शहरों के मुकाबले गांवों में महंगाई की मार ज्यादा है. अप्रैल 2022 में ग्रामीण स्तर पर खुदरा महंगाई दर 8.38 फीसदी रही. जबकि शहरों में यह स्तर 7.09 प्रतिशत रहा. वहीं खाद्य मुद्रास्फीति के मामले में भी शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर 8.09 फीसदी रही. जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 8.50 फीसदी रही.

SOURCE-LAGATAR

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