राजधानी में हुए उपद्रव और हिंसा के मामले को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजभवन से पूरे मामले की जानकारी मांगी है। हालांकि, रविवार की रात तक गृह मंत्रालय द्वारा इस संदर्भ में कोई आधिकारिक पत्र राजभवन को नहीं मिला था।
राज्यपाल ने घटना की जानकारी पुलिस महानिदेशक से ली
केंद्र द्वारा जानकारी मांगे जाने से पहले, राज्यपाल ने डीजीपी नीरज सिन्हा और एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर से घटना की पूरी जानकारी प्राप्त की है। राज्यपाल ने अधिकारियों को मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में समय-समय पर सूचित करने का भी निर्देश दिया। अधिकारियों ने पूरी घटना की विस्तृत जानकारी राजभवन को दे दी है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को मेन रोड पर पुलिस के साथ झड़प में दो युवकों की मृत्यु हो गई थी और कई घायल हो गए थे।
छह थाना क्षेत्रों में धारा 144 हटाई गई
शुक्रवार की घटना के बाद रांची की सामान्य स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजधानी के 12 में से 6 थाना क्षेत्रों से धारा 144 हटा दी है। जिन क्षेत्रों से धारा 144 हटाई गई है, उनमें लालपुर, बरियातू, सुखदेवनगर, सदर थाना, जगन्नाथपुर और गोंदा थाना क्षेत्र शामिल हैं। हालांकि, संवेदनशील क्षेत्रों जैसे डेली मार्केट, कोतवाली, हिंदपीढ़ी, चुटिया, लोअर बाजार और डोरंडा थाना क्षेत्र में धारा 144 अगले आदेश तक लागू रहेगी। इन क्षेत्रों के लोगों को दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच खरीदारी की छूट दी गई है।
22 नामजद और एक हजार से अधिक अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज
रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि राजधानी की स्थिति सामान्य हो रही है। 10 जून को उन्मादी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए न्यूनतम बल का प्रयोग किया गया था। यदि पुलिस प्रशासन पहले से सतर्क नहीं होता, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। उन्होंने बताया कि उन्मादी भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान दो लोगों की मृत्यु की सूचना है। वहीं, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि 10 जून को मेन रोड में हुई घटना के मामले में रांची के विभिन्न थानों में अब तक 25 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 22 नामजद और एक हजार से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।