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पीएम मोदी ने पुणे में ‘शिला’ मंदिर का उद्घाटन किया, बोले- विकास और विरासत साथ-साथ चलें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पुणे के पास देहू में संत तुकाराम महाराज के मंदिर में एक शिला मंदिर का उद्घाटन किया। यह मंदिर 17वीं सदी के संत तुकाराम को समर्पित है। पीएम मोदी ने मंदिर के दौरे के दौरान वारकारियों से भी बातचीत की। यह दौरा देहू में 20 जून से शुरू हो रही वार्षिक वारी परंपरा के संदर्भ में हो रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री को विशेष तुकाराम पगड़ी भी भेंट की गई। तुकाराम भक्ति आंदोलन के प्रतिष्ठित संत थे।

भारत शाश्वत है क्योंकि यह संतों की भूमि है

पीएम मोदी ने कहा कि हमें गर्व है कि हम सब दुनिया की प्राचीनतम जीवित सभ्यताओं में एक हैं। इसका श्रेय भारत की संत परंपरा और ऋषियों को जाता है। भारत शाश्वत है क्योंकि यह संतों की भूमि है। हर युग में हमारे यहां देश और समाज को दिशा देने के लिए कोई न कोई महान आत्मा अवतरित होती रही है। पीएम ने कहा कि संत तुकाराम जी कहते थे कि समाज में ऊंच-नीच का भेदभाव एक बहुत बड़ा पाप है। उनका यह उपदेश जितना भगवतभक्ति के लिए जरूरी है, उतना ही राष्ट्रभक्ति, समाजभक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

विकास और विरासत साथ-साथ आगे बढ़ें

हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए आज हमारा दायित्व है कि हम अपनी प्राचीन पहचान और परंपराओं को जीवित रखें। इसलिए जब आधुनिक तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर भारत के विकास का पर्याय बन रहे हैं, तो हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास और विरासत दोनों साथ-साथ आगे बढ़ें।

विकास में गति के लिए किए जा रहे ये सब काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले ही मुझे पालकी मार्ग में दो राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन का करने के लिए शिलान्यास करने का अवसर मिला था। श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम पालकी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इन सभी चरणों में 350 किलोमीटर से अधिक लंबाई के हाईवे बनेंगे और इस पर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाएगा। इन प्रयासों से क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी।

मनुष्य जन्म में सबसे दुर्लभ सत्संग है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का एक केंद्र है, बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य को भी उज्जवल करता है। इस पवित्र स्थान का पुनर्निर्माण करने के लिए मैं मंदिर न्यास और सभी भक्तों का आभार व्यक्त करता हूं। पीएम ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य जन्म में सबसे दुर्लभ संतों का सत्संग है। संतों की अनुभूति हो गई तो ईश्वर की अनुभूति अपने आप हो जाती है। आज देहू की इस पवित्र तीर्थभूमि पर आकर मुझे ऐसी ही अनुभूति हो रही है।

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