आदिवासी कल्याण समिति की ओर से आयोजित इस उत्सव में सभी समुदायों के लोग एक साथ शामिल हुए। मंगरा पाहन ने पूजा कर कार्यक्रम की शुरुआत की और एकता का आह्वान किया।
जतरा में शामिल लोगों ने पारंपरिक नृत्य, लोकगीत और ढोल-नगाड़े की धुनों पर झूमते हुए संस्कृति की पहचान को जीवंत किया। हरमु, हेहल और कोकर क्षेत्र के सैकड़ों लोग इस आयोजन का हिस्सा बने। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने मिलकर उत्सव का आनंद लिया।
स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। इस मौके पर अध्यक्ष अतूल प्रभात केरकेट्टा ने कहा कि ऐसे आयोजन हमारी परंपरा को नई पीढ़ी से जोड़ते हैं। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।



