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नूंह में दिलेरी दिखाने वाली आईपीएस ममता सिंह कौन हैं, जिन्होंने मंदिर में बंधक बने लोगों को बचाया

हरियाणा के नूंह जिले में हुई हिंसा पर काबू पाने को लेकर एक बार फिर IPS ममता सिंह की चर्चा हो रही है। गृह मंत्री अनिल विज ने नूंह हिंसा में साजिश की आशंका जताई है। अनिल विज ने बताया कि उन्हें उपद्रव के दौरान एक मंदिर में लोगों को बंधक बनाने की सूचना मिली थी। इसके साथ ही किसी ने अनिल बिज को गूगल लोकेशन भी भेजी। उन्होंने वह लोकेशन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ममता सिंह समेत पुलिस प्रशासन के अफसरों को भेजी। इसके बाद आईपीएस ममता सिंह ने दिलेरी दिखाते हुए पुलिस फोर्स को लीड किया और लोगों को वहां से मुक्त कराया।

पुलिस में आने के लिए छोड़ी डॉक्टरी की पढ़ाई

हरियाणा की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ममता सिंह एक समय डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन उनका मन हमेशा से साहसिक कार्य करते हुए समाज की सेवा में लगा रहता था। यही वजह थी कि उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़ पुलिस सेवा में आने की ठान ली। आइपीएस ममता सिंह 1996 बैच की IPS ऑफिसर हैं, जो कि अपने कामों से कई बार पुलिस विभाग और खुद को गौरवान्वित कर चुकी हैं।

राष्ट्रपति से मिला पदक

ममता सिंह को अपनी बेहतरीन पुलिस सेवाओं के लिए राष्ट्रपति से पदक भी मिल चुका है। साल 2022 में गणतंत्र दिवस के मौके पर यह पदक ममता सिंह को दिया गया था। ममता सिंह अपने साहसिक कार्यों से कई बार पुलिस विभाग का सिर ऊंचा कर चुकी हैं। ममता सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह अपराध और माफियाओं के खिलाफ बेहतरीन खुफिया नेटवर्क स्थापित कर उनका भंडाफोड़ करने की काबिलियत रखती हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने भी बढ़ाया ममता का मान

सुप्रीम कोर्ट भी IPS ममता सिंह के काम की तारीफ करते हुए उनकी सराहना कर चुका है। पुलिस सेवा में शामिल होने के बाद ममता ने मानवाधिकार आयोग की कई जांचों में बड़ा योगदान किया था, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी तारीफ की थी। खास तौर पर बंगाल के नंदीग्राम, छत्तीसगढ़ के सुकुमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, एनाकोंडा ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों के जरिए मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले को याद कर ममता सिंह के जज्बे की तारीफ की जाती रही है।

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