हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने लिवर पुनर्जीवन की नई दवा विकसित की.
पशु परीक्षण सफल हैदराबाद, तेलंगाना: हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने लिवर (यकृत) को पुनर्जीवित करने के लिए एक अभिनव दवा विकसित की है
इसके पशु परीक्षण (animal trials) सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं। यह सफलता लिवर की बीमारियों से जूझ रहे लाखों मरीजों के लिए एक बड़ी उम्मीद जगाती है और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
तुलसी थेरेप्यूटिक्स (Tulsi Therapeutics) के संस्थापक डॉ. साईराम अतलूरी ने बताया कि उनकी कंपनी अब मनुष्यों पर क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने की अनुमति के लिए केंद्र सरकार को आवेदन करेगी। यदि ये परीक्षण भी सफल रहते हैं, तो यह दवा लिवर प्रत्यारोपण (liver transplant) की आवश्यकता को काफी हद तक कम कर सकती है। इस नई दवा में लिवर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करने और उन्हें फिर से विकसित करने की क्षमता होने का दावा किया जा रहा है।
इस दवा के विकास से लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर और अन्य गंभीर यकृत रोगों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। डॉ. अतलूरी और उनकी टीम का यह शोध लिवर रोग के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है, जिससे मरीजों को बेहतर और कम आक्रामक उपचार विकल्प मिल सकेंगे।



