रामनगरी में बिखरी सतरंगी छटा; प्रधानमंत्री की उपस्थिति से अति विशिष्ट होगा कार्तिक माह; देखें तस्वीरें

अयोध्या, [नवनीत श्रीवास्तव]। अयोध्या यूं तो वर्ष भर उत्सवों से चहकती रहती है, लेकिन युगों से कार्तिक माह में रामनगरी का आध्यात्मिक-सांस्कृतिक सौंदर्य शिखर पर होता है। यह पहला अवसर होगा जब कार्तिक माह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति होगी। वह भी वैश्विक ख्याति प्राप्त दीपोत्सव में। 23 अक्टूबर को उनके आगमन के साथ ही इस वर्ष का कार्तिक माह भी स्वयं में विशिष्ट हो गया है। गुरुवार शाम जब रंगीन लाइटें जलीं तो नजारा देखने लायक था।
युगों से प्रतिष्ठित कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या दीपावली के तौर पर विख्यात है, तो शुक्ल पक्ष में नवमी, एकादशी और पूर्णिमा की छठा बिखरती है। कार्तिक माह के दूसरे तीज-त्योहार भी रामनगरी के लिए बेहद खास होते हैं।
दो वर्ष बाद यह ऐसा अवसर होगा, जब दीपोत्सव कोरोना से पूर्ण मुक्त होगा और उसकी आध्यात्मिकता की आभा से पूरी नगरी रोशन होगी।रामनगरी में कार्तिक मेला शुक्ल पक्ष की परिवा भी बेहद खास होती है। परिवा के दिन अयोध्या के मठ-मंदिरों में अन्नकूट मनाया जाता है, जिसमें भगवान को 56 भोग लगाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि वनवास के दौरान भगवान राजसी भोग से वंचित रहे। इसीलिए दीपावली के अगले दिन भगवान को 56 भोग लगाया जाता है। वहीं कार्तिक मेला शुक्ल पक्ष की परिवा से लेकर पूर्णिमा तक चलता है। 15 दिन चलने वाले मेले का समापन पूर्णिमा स्नान से होता है
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