अदालत ने राणा को 18 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अदालत को बताया कि राणा से मुंबई हमलों की साजिश में उसकी भूमिका और अन्य संदिग्धों के साथ उसके संबंधों के बारे में पूछताछ करने की आवश्यकता है। एनआईए ने राणा की विस्तृत पूछताछ के लिए 30 दिनों की हिरासत मांगी थी, लेकिन अदालत ने 18 दिनों की अनुमति दी है।
पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी जब राणा को अदालत में पेश किया गया। अदालत कक्ष के अंदर केवल कुछ ही लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी। राणा के वकील ने उसकी हिरासत का विरोध किया, लेकिन अदालत ने एनआईए के तर्क को स्वीकार कर लिया कि पूछताछ के लिए उसकी हिरासत आवश्यक है।
तहव्वुर राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा किए गए मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल होने का आरोप है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। राणा को 2009 में शिकागो में गिरफ्तार किया गया था और 2011 में डेनमार्क में एक समाचार पत्र पर हमले की साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराया गया था, लेकिन मुंबई हमलों के आरोपों से बरी कर दिया गया था।
हालांकि, भारत ने राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था, जिसे अमेरिकी अदालत ने पिछले साल मंजूरी दे दी थी। प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, राणा को भारत लाया गया और तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
एनआईए अब राणा से पूछताछ करके मुंबई हमलों की साजिश से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि हमलों में उसकी क्या भूमिका थी और अन्य कौन लोग इसमें शामिल थे। राणा की गिरफ्तारी और हिरासत को मुंबई हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


