यह क्षमता हासिल करने में उन्हें समय लग रहा है। शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्मी की लहरों ने भौंरों की गंध पहचानने की क्षमता को बाधित कर दिया है, जिससे परागण और फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
भौंरे परागण के महत्वपूर्ण प्रणाली का हिस्सा हैं। वे फूलों से पराग एकत्र करते हैं और इसे अन्य फूलों में स्थानांतरित करते हैं, जिससे फूलों का निषेचन होता है और फल और बीज बनते हैं। गंध की अपनी क्षमता खोने से भौंरों को फूलों का पता लगाने और उनमें परागण करने में कठिनाई होती है।
अध्ययन के अनुसार, गर्मी की लहरों के बाद भौंरों की गंध की क्षमता में कमी देखी गई है। शोधकर्ताओं ने भौंरों को विभिन्न गंधों के साथ परीक्षण किया और पाया कि वे उन गंधों का पता लगाने में सक्षम नहीं थे जो वे सामान्य परिस्थितियों में पहचान लेते थे।
यह अध्ययन चिंताजनक है क्योंकि यह दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी की लहरें भौंरों की आबादी और परागण प्रक्रियाओं को प्रभावित कर रही हैं। यदि भौंरों की गंध की क्षमता में गिरावट जारी रहती है, तो इससे फसल उत्पादन में कमी और खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।



