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श्रीलंका में सेक्स वर्क का धंधा सबसे तेजी से बढ़ रहा, हालात ऐसे कि श्रीलंकन कमांडो तक जिगोलो बन गया

ये कोलंबो है, राजधानी काेलंबो…चप्पे-चप्पे पर पुलिस। खाली सड़कें। आती-जाती हर गाड़ी को शक से देखती हथियारबंद नजरें।झील में चारों ओर पानी से घिरे श्रीलंका के खूबसूरत संसद भवन से चार किलोमीटर दूर थालावाथूगोड़ा इलाके तक का छोटा सफर कुछ ज्यादा ही लंबा हो चला था।खाली पेट्रोल पंप। पैदल चलते उदास चेहरे। हर तरफ श्रीलंका के बद से बदतर हो रहे हालात के संकेत।श्रीलंका में पेट्रोल खत्म होने की वजह से सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम है। गैस न होने से लोग दो वक्त का खाना तक नहीं बना पा रहे और इन सबका असर बेरोजगारी पर पड़ा है।लोगों ने अब खाने में कटौती शुरू कर दी है। कई लोग ऐसे मिले जो दिन में एक ही बार खाना खा रहे हैं।राजधानी कोलंबो में मेरे साथ रह रहा ड्राइवर दिन में सिर्फ एक बार खाना खाता था। मेरे बार-बार साथ खा लेने की जिद पर ना कह देता था।जोर देकर पूछी तो बोला- ‘जब से हालात बिगड़े हैं, एक ही वक्त खाता हूं। अब तो भूख खुद ही दूर चली गई है।’

स्पा की आड़ में सेक्स वर्क…

मैं अपने इस ड्राइवर के साथ दो दिन से श्रीलंका के थालावाडूगोडा इलाके में घूम रही थी। कोलंबो का यह इलाका स्पा के लिए चर्चित है।यहां दर्जनों स्पा हैं और इन स्पा की आड़ में सेक्स वर्क चलता है। हालांकि श्रीलंका में सेक्स वर्क अवैध है। दिल्ली के जीबी रोड जैसी कोई घोषित जगह नहीं है।इस इलाके में इतने स्पा देखकर सवाल कौंधा कि जब श्रीलंका में सब कुछ बंद है तो ये स्पा कैसे चल रहे? यहां रौनक बनी हुई थी। लोग आ जा रहे थे।दो दिन की खोजबीन से पता चला कि आर्थिक हालात ने लोगों को सेक्स वर्क में आने को मजबूर कर दिया है। इनमें पुरुष-महिलाएं दोनों हैं। बहुत सी कम उम्र की लड़कियां हैं, जो पढ़ाई का खर्च चलाने के लिए इस काम में लग गई हैं।

खराब हालात ने ही सेक्स वर्क को बढ़ा दिया…

मैं एक सेक्स वर्कर की नजर से श्रीलंका के हालात समझना चाहती थी। करीब दो दर्जन स्पा में गई। मध्धम रोशनी में शीशे के पीछे छोटे कपड़े पहने बैठी खूबसूरत लड़कियां और पसंद की लड़की चुनते ग्राहक…पहली बार में लगा कि श्रीलंका के आर्थिक हालात का असर स्पा धंधे पर नहीं पड़ा है, लेकिन दो दिनों की पड़ताल में साफ हो गया कि आर्थिक हालात ने सेक्स वर्क पहले से ज्यादा बढ़ा दिया है।पत्रकार के तौर पर परिचय देने के बाद कोई भी बात करने को तैयार न था। बमुश्किल एक स्पा में काम कर रहा एक बंदा तैयार हुआ। नाम- शान और काम- जिगोलो का। उसी के कहने पर उसका नाम बदलकर लिख रही हूं।

पता नहीं परिवार स्वीकार करेगा या नहीं…

मैं जानता हूं कि मेरे परिवार को इस काम के बारे में पता चला तो वो मुझे स्वीकार नहीं करेंगे। ये नहीं जानता कि कब तक ये काम करूंगा। हो सकता है कि कल ही छोड़ दूं। पर अभी मेरे हालात ऐसे हैं कि ये काम नहीं छोड़ पाऊंगा।इस पेशे में आने की एक बड़ी वजह कोरोना भी है। कई नौकरियां करने की कोशिश की, पर सब बंद होते चले गए। जॉब छूट गई। फिर यहां के खराब होते हालात ने जिंदगी और भी मुश्किल कर दी। मेरे लिए अपने बच्चों को खाना खिलाना तक मुश्किल हो रहा था।

मेरे सामने ऐसे हालात बन गए कि ये नहीं सोच पाया कि जो करने जा रहा हूं वो सही है या गलत। घर में बच्चे भूखे हों तो सही-गलत का फर्क कहां रह जाता है…। मैं यहां जिगोलो भी हूं और मैनेजर भी। ऐसे में मुझे अपनी लड़कियों का भी ख्याल रखना होता है।

यहां महिलाएं खुशी की तलाश में आती हैं…

यहां हर तरह के लोग आते हैं। लड़कियां जो पुरुषों के लिए करती हैं, मैं वही महिलाओं के लिए करता हूं। यहां महिलाएं खुशी की तलाश में आती हैं। वो देश के हालात से परेशान हैं, पारिवारिक हालात से परेशान हैं। कुछ महिलाएं सिर्फ मसाज कराती हैं और खूब सारी बातें करती हैं। कुछ को सेक्स भी चाहिए होता है। कुछ अलग-अलग तरह से अपने आप को खुश करना चाहती हैं।मैं जब उनके साथ होता हूं तो मेरे जहन में यही चल रहा होता है कि यहां ‘हैपी एंडिंग’ हो और वो खुश होकर यहां से जाएं।मेरे पास आने वाली बहुत सी महिलाएं प्रोफेशनल हैं, वो जॉब करती हैं। कुछ अपने पारिवारिक झगड़ों से परेशान हैं। कुछ के पास कोई नहीं है, जिनसे वो दिल की बात कर सकें।श्रीलंका के मौजूदा हालात ने सभी को परेशान कर दिया है। लोग अवसाद में हैं, वो खुशी तलाश रहे हैं। कई बार बहुत मेहनत करने के बाद भी उन्हें खुशी नहीं मिलती। उसी खुशी की तलाश में वो यहां आते हैं।

कुछ देर के लिए ही सही मैं जिंदगी में रंग भर रहा हूं…

राजधानी कोलंबो में दूर-दूर से आए हुए लोग रहते हैं। उनके परिवार दूर होते हैं। वो दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन खुशी नहीं मिल पाती। उन्हें जिंदगी का खूबसूरत रंग नहीं दिख पाता। कुछ देर के लिए ही सही, मैं उनकी जिंदगी में रंग भरता हूं।अधिकतर महिलाएं जो मेरे पास आती हैं वो तनावमुक्त होना चाहती हैं। वो पैंतालीस मिनट के लिए मुझे बुक करती हैं। इस दौरान मैं उनकी खूब तारीफें करता हूं, क्योंकि मैं जानता हूं कि वो अपनी जिंदगी की परेशानियों से दूर होने के लिए यहां आई हैं।मैं उन्हें स्वीटहार्ट, एंजल, ब्यूटीफुल कहता हूं तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वो शर्माते हुए कहती हैं- ऐसा पहले किसी ने नहीं कहा।कई महिलाएं मुझसे कहती हैं कि उनके पति उनकी तारीफ ही नहीं करते, उनमें दिलचस्पी नहीं दिखाते। वो मुझसे कहती हैं कि जो प्यार उन्हें यहां मिलता है वो उन्हें अपनी जिंदगी में नहीं मिल पा रहा है।

हर सर्विस के रेट अलग…

हमने अपनी सर्विसेज के अलग-अलग रेट रखे हैं। मसाज के अलग रेट हैं, कोई सेक्स करना चाहता है तो उसके अलग रेट हैं। कुछ को उससे भी ज्यादा चाहिए होता है तो उसके अलग।हमारे पैकेज 3500 रुपए से शुरू होकर 8 हजार रुपए तक जाते हैं। कुछ कस्टमर इतने खुश हो जाते हैं कि इससे भी अधिक देकर जाते हैं।कई महिलाएं मेरे साथ इमोशनल रिलेशन भी रखना चाहती हैं। वो चाहती हैं कि मैं उनकी जिंदगी की परेशानियों को समझूं और उन्हें सपोर्ट दूं। यहां की इस मध्धम रोशनी में वो श्रीलंका के मौजूदा हालात को भूल जाना चाहती हैं।मेरी कई ग्राहक हैं जो नियमित हैं और महीने में दो बार तक आती हैं। वो मुझसे वो बातें करती हैं जो वो अपने किसी दोस्त या परिचित से नहीं कर सकतीं।

बदकिस्मती से श्रीलंका ऐसे हालात में फंस गया…

आजकल श्रीलंका में सब परेशान हैं। मुझे लगता है कि मैं अपने इस काम के जरिए उनकी परेशानियों को कुछ कम कर रहा हूं। मैं अपने देश को बहुत प्यार करता हूं।

श्रीलंका बेहद खूबसूरत मुल्क है। यहां हर तरफ सिर्फ हरियाली ही हरियाली है। बदकिस्मती से हम ऐसे हालात में फंस गए हैं।

अगर हालात ये ना होते तो मैं कभी भी इस काम में नहीं आता। मैं नहीं जानता कि लोग इस काम को किस तरह से देखते हैं, लेकिन मैं अब इसे एक सम्मानित काम मानता हूं, क्योंकि मैं निराश लोगों को खुशी देता हूं और श्रीलंका के निराश लोगों को इस वक्त खुशी की सबसे ज्यादा जरूरत है।’

Source : Dainik Bhaskar

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