USA: फर्जी मतदाता के झूठे दावे से अवगत थे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप: न्यायाधीश
वाशिंगटन, एपी। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 के चुनाव परिणाम को चुनौती देने के लिए जिस कानूनी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे, उसमें फर्जी मतदाताओं का दावा भी शामिल था। एक संघीय न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रंप जानते थे कि यह दावा झूठा है। अमेरिकी डिस्टि्रक कोर्ट के न्यायाधीश डैविड कार्टर ने 18 पृष्ठों की अपनी राय में ट्रंप और अटार्नी जनरल जान एस्टमैन के बीच के चार ई-मेल को छह जनवरी को कैपिटल पर हुए हमले की जांच कर रही सदन की समिति को सौंपने का आदेश दिया है।
न्यायाधीश ने कहा कि ई-मेल को सिर्फ इसलिए रोके नहीं रखा जा सकता कि इनमें अपराध के प्रमाण शामिल हैं। न्यायाधीश के इस निष्कर्ष का चुनाव पलटने के प्रयासों की न्याय विभाग द्वारा अगल की जा रही जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। न्यायाधीश ने ट्रंप के वकीलों के दावों का उल्लेख किया है। ट्रंप के वकीलों का दावा है कि जार्जिया फुल्टन काउंटी ने गलत तरीके से मृत व्यक्तियों, गुंडों और अपंजीकृत मतदाताओं के 10,000 से अधिक वोटों की गणना की थी। ट्रंप की कानूनी टीम द्वारा चार दिसंबर 2021 को जार्जिया प्रांत की कोर्ट में जो फाइलिंग की थी ये झूठे आरोप उसका हिस्सा थे।
न्यायाधीश के फैसले से हालांकि मामले की न्याय विभाग द्वारा अलग से की जा रही जांच पर व्यावहारिक रूप से कोई असर नहीं पड़ेगा। न्याय विभाग चुनाव के परिणामों को पलटने के प्रयासों के आरोपों की जांच कर रहा है। चुनाव के परिणामों को चुनौती देने संबंधी दस्तावेजों पर ट्रंप का हस्ताक्षर करना अभियोजकों के लिए एक बड़ा मुद्दा हो सकता है। ट्रंप या उनके किसी प्रतिनिधि ने इस संबंध में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
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