उन्होंने भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि अगर पानी साफ है तो वे उसमें नहाएं, खाना बनाएं और पीकर दिखाएं।
अखिलेश यादव ने कहा, “डबल इंजन सरकार के दोनों इंजन आपस में टकरा रहे हैं। दिल्ली और लखनऊ के आंकड़ों में भारी अंतर है। उत्तर प्रदेश सरकार दिल्ली के आंकड़ों को मानने से इनकार कर रही है। अगर हम दिल्ली की रिपोर्ट का हवाला देते हैं और यह सरकार उसे नहीं मानती, तो क्या इसका मतलब यह है कि दिल्ली के अधिकारी सनातनी नहीं हैं?”
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि प्रयागराज के कई स्थानों पर गंगा जल नहाने योग्य नहीं है, क्योंकि उसमें फीकल कॉलीफॉर्म का स्तर तय मानकों से अधिक है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, संगम के पानी में जैविक ऑक्सीजन मांग (BOD) का स्तर भी सुरक्षित सीमा से अधिक है। बीओडी का उच्च स्तर जल में जैविक पदार्थों की अधिकता को दर्शाता है, जो पानी की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, “हर भाजपा नेता को संगम जल से भरी टंकी दी जानी चाहिए, ताकि वे इसे पी सकें, नहा सकें और जरूरत पड़ने पर दवाई की तरह इस्तेमाल कर सकें। क्या भाजपा इसे स्वीकार करेगी?”
उन्होंने पार्टी विधायक कमाल अख्तर से कहा, “अगर भाजपा नेता मना करें, तो विधानसभा में संगम जल की बोतल लेकर जाएं और उनसे पीने के लिए कहें।”
इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है और आने वाले दिनों में भाजपा की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें रहेंगी।



