कांगलू ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस 2025 सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, “भारत का विश्व के विकास में योगदान सराहनीय है। दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी तक्षशिला में 700 ईसा पूर्व स्थापित की गई थी।”
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धियों से भरा है। कांगलू ने भारतीय प्रवासियों की भूमिका की भी प्रशंसा की और कहा कि वे जहां भी जाते हैं, वहां अपनी संस्कृति और मूल्यों का प्रसार करते हैं।
प्रवासी भारतीय दिवस की थीम
इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस का थीम “वैश्विक विकास में भारतीयों का योगदान” रखा गया है। राष्ट्रपति कांगलू ने इस पर जोर देते हुए कहा कि भारत का योगदान केवल प्राचीन काल तक सीमित नहीं है, बल्कि वर्तमान समय में भी भारत नवाचार और विकास का केंद्र है।
सम्मेलन की मुख्य बातें
- इस सम्मेलन में 70 देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और भारत की विकास यात्रा को साझा किया।
- सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों की भूमिका और उनकी उपलब्धियों को रेखांकित किया गया।
कांगलू ने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत, विविधता और मानवता का योगदान दुनियाभर में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने भारतीय प्रवासियों से आग्रह किया कि वे भारत और अपने निवास देशों के बीच संबंधों को मजबूत करें।


