भारत विरोधी मुइज्जू को सता रहा कुर्सी जाने का डर, मालदीव की सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचे, जानें
मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को सत्ता जाने का डर सता रहा है। उनके खिलाफ विपक्षी सांसद महाभियोग लाना चाहते हैं। इसे देखते हुए अब सरकार महाभियोग प्रक्रिया के संबंध में संसद की प्रक्रिया के नियमों में बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंची है। मालदीव की न्यूज वेबसाइट अधधू की रिपोर्ट के मुताबिक अटॉर्नी जनरल अहमद उशम ने मंगलवार को पुष्टि की है कि सुप्रीम कोर्ट में एक संवैधानिक मामला दायर किया गया है। हालांकि उन्होंने इससे जुड़ी और जानकारी देने से मना कर दिया।
मालदीव के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को सांसदों की कुल संख्या के दो तिहाई बहुमत से पद से हटाया जा सकता है। यानी पीपुल्स मजलिस (मालदीव की संसद) में मौजूदा सत्र में 87 सांसदों में से 58 चाहें तो मुइज्जू को सरकार से हटा सकते हैं। सोमवार को सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक विपक्षी दल मालदिवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाना चाहती है। MDP इस समय संसद में बहुमत में है।
संसद पर MDP का कंट्रोल
विपक्षी दल एमडीपी का कंट्रोल इस समय संसद पर है। 7 सदस्यों ने मंत्री बनने के लिए सदन से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कुल सांसदों की संख्या 87 से घटकर 80 हो गई है। MDP की ओर से महाभियोग के नियम बदले गए हैं। पहले महाभियोग के लिए कुल सदस्यों का दो तिहाई मत जरूरी होता था। लेकिन नए नियम के मुताबिक संसद में मौजूद सदस्यों की संख्या के आधार पर दो तिहाई मतों को गिना जाएगा। ऐसे में 54 सांसद राष्ट्रपति को हटा सकते हैं।
मुइज्जू को हटाने की तैयारी
कथित तौर पर MDP के पास 54 सांसद हैं, जो राष्ट्रपति को हटा सकते हैं। अब इसी कारण मुइज्जू सरकार डरी हुई है। वर्तमान में एमडीपी के पास 44 सांसद हैं। वहीं डेमोक्रेट्स के 13 सांसद हैं। दोनों दलों के पास कुल मिलाकर 57 सांसद हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक एमडीपी ने महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर पा लिया है। प्रस्ताव लाने के लिए 26 सांसदों का हस्ताक्षर जरूरी होता है। एमडीपी ने कहा है कि वह डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।



