रोहित मुर्मू के पुष्टि किए गए माओवादी संपर्क थे और वह पिछले अक्टूबर में झारखंड में हुए रेल लाइन पर धमाके के बाद असम भाग गया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने असम के एक दूरस्थ इलाके में अभियान चलाया था। मुठभेड़ के दौरान मुर्मू ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षा कर्मियों ने भी फायरिंग की। इस गोलीबारी में उग्रवादी मारा गया। उसका झारखंड के एक रेलवे ट्रैक पर धमाका करने में सीधा हाथ था, जो एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।
रोहित मुर्मू काफी समय से सुरक्षा एजेंसियों की नजर में था। पुलिस ने कहा कि उसके मारे जाने से क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों को एक बड़ा झटका लगा है। मौके से कुछ हथियार और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। सुरक्षा बलों ने अब उसके बाकी साथियों की तलाश में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। यह एनकाउंटर सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।



