श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर की प्रसिद्ध हजरतबल दरगाह में एक साल के भीतर छह पट्टिकाएं लगाए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बार विवाद तब और बढ़ गया जब अशोक चिह्न वाली एक पट्टिका को कुछ श्रद्धालुओं ने हटा दिया। इस घटना ने धार्मिक स्थलों के राजनीतिक इस्तेमाल के आरोपों को हवा दे दी है, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
आरोप है कि वक्फ बोर्ड राजनीतिक स्वार्थ के लिए धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग कर रहा है। अशोक चिह्न वाली पट्टिका को हटाने का कदम कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं के खिलाफ माना, जबकि कुछ अन्य का मानना है कि यह धार्मिक स्थलों पर सरकारी प्रतीकों को लगाने के खिलाफ एक विरोध था। इस घटना के बाद, प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
यह विवाद एक संवेदनशील मुद्दे को उजागर करता है कि धार्मिक स्थलों का उपयोग किस तरह किया जाना चाहिए। लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और वे चाहते हैं कि धार्मिक स्थलों को राजनीति से दूर रखा जाए।



