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चंद्रयान-3 चांद के कितने पास पहुंच गया है? अंतरिक्ष के इस रूटमैप में लोकेशन देखिए

चंद्रयान-3 अभी पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काट रहा है। मंगलवार को इसे धरती के तीसरे ऑर्बिट में भेजा जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने दोपहर 2 से 3 बजे के बीच का वक्त तय किया है। पृथ्वी की कक्षा में चंद्रयान-3 के कुल पांच इंजेक्शन ऑर्बिट हैं। पांचों की फायरिंग पूरी होने के बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल जाएगा। इसरो वैज्ञानिकों के अनुसार, यह प्रक्रिया 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि को होगी। धरती से चांद के बीच की दूरी 3.83 लाख किलोमीटर है। चंद्रयान-3 इस दूरी को करीब 42 दिन में पूरा करेगा। वैसे तो यह दूरी सिर्फ चार दिन में पूरी हो सकती है। NASA अपने स्पेसशिप को चंद्रमा पर चार दिन से हफ्ताभर के अंदर पहुंचा देता है। भारत इसके बजाए 40-42 दिन लेता है। इसके पीछे वजह यह है कि धरती के चारों तरफ घुमाकर अंतरिक्ष यान को गहरे स्पेस में भेजने की प्रक्रिया सस्ती पड़ती है। NASA की तुलना में ISRO के प्रोजेक्ट सस्ते होते हैं। ISRO के पास अभी NASA की तरह बड़े और ताकतवर रॉकेट नहीं हैं जो चंद्रयान-3 को सीधे चांद के ऑर्बिट में भेज सके।

ISRO के अनुसार, चंद्रयान-3 अभी पृथ्वी के दूसरे और तीसरे ऑर्बिट के बीच है। सोमवार को यह धरती के दूसरे ऑर्बिट में सोमवार को पहुंच गया था। एक ऑर्बिट से दूसरे ऑर्बिट में ऑर्बिट रेजिंग प्रोसेस के जरिए भेजा जाता है।

चंद्रयान-3 का ऑर्बिट बढ़ाने के लिए अगली फायरिंग मंगलवार दोपहर 2 से 3 बजे के बीच प्लान की गई है। इसके बाद पृथ्वी के ऑर्बिट में दो बार और फायरिंग की जाएगी।

चंद्रयान-3 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि को पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। 5 अगस्त को चंद्रमा की ग्रैविटी स्पेसक्राफ्ट को कैप्चर करेगी। 23 अगस्त को यह चंद्रमा पर लैंड करेगा।

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