फोन टैपिंग मामले में प्रभाकर राव और श्रवण राव को भगोड़ा घोषित करने के लिए पुलिस ने अदालत का दरवाजा खटखटाया.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक फोन टैपिंग मामले में दो आरोपियों, प्रभाकर राव और श्रवण राव को भगोड़ा घोषित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
पुलिस का कहना है कि अगर इन आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया जाता है तो उन्हें 30 दिन के भीतर अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा, अन्यथा उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक, प्रभाकर राव और श्रवण राव पर अवैध रूप से फोन टैपिंग करने का आरोप है। दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं और पुलिस उन्हें तलाश रही है। पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ कई जगह छापेमारी की है लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए कितनी गंभीर है। पुलिस ने इन आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाकर यह संदेश दिया है कि वह किसी भी कीमत पर अपराधियों को पकड़कर कानून का राज कायम करेगी।
आगे क्या होगा?
अगर अदालत इन आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर देती है तो पुलिस उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर सकती है। इसके अलावा, पुलिस उनकी संपत्ति को जब्त कर सकती है।



