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टाटा के सेमीकंडक्टर प्‍लांट क‍िसे करेंगे सप्‍लाई, क‍ितनों को मिलेगी नौकरी? ग्रुप के बॉस ने बताई हरेक बात

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सेमीकंडक्टर संयंत्र धीरे-धीरे चिप की सप्‍लाई करके चरणबद्ध तरीके से सभी सेक्‍टरों को सेवाएं देंगे। आने वाले सालों में ये लगभग 72,000 रोजगार पैदा करेंगे। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को यह जानकारी दी। बुधवार को गुजरात के धोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के 91,000 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित चिप मैन्‍यूफैक्‍चरिंग प्‍लांट और असम में 27,000 करोड़ रुपये की चिप असेंबली यूनिट का शिलान्यास हुआ।

शिलान्‍यास समारोह के मौके पर चंद्रशेखरन ने कहा कि आगे चलकर इन परियोजनाओं का विस्तार भी होगा। लेकिन, शुरुआती मील के पत्थर पार करने के बाद ही ऐसा होगा। उन्होंने कहा कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के संयंत्रों में निर्मित चिप वाहन, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता और चिकित्सा सहित विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेंगे।

प्‍लांट में क‍िस तरह की च‍िप की होगी मैन्‍यूफैक्‍चरिंग?

टाटा समूह के मुखिया चंद्रशेखरन बोले, ‘चिप की जरूरत वाले क्षेत्रों की एक पूरी श्रृंखला है। लेकिन, हम पहले ही दिन से सभी तरह के चिप का उत्पादन नहीं कर सकते। यह चरणबद्ध ढंग से होगा लेकिन हम सभी क्षेत्रों की सेवा करेंगे।’

उन्होंने कहा कि टाटा का चिप संयंत्र 28 नैनोमीटर (एनएम) से 110 नैनोमीटर नोड्स में चिप का उत्पादन करने में सक्षम है। स्मार्टफोन, टैबलेट जैसे हाई-टेक्‍नोलॉजी उपकरणों के लिए मुख्य रूप से तीन एनएम, सात एनएम और 14 एनएम जैसे छोटे नोड्स वाले चिप की जरूरत होती है।

क‍ितने लोगों को म‍िलेगी नौकरी?

चंद्रशेखरन ने कहा कि इन संयंत्रों के लगने से बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा, ‘यह केवल शुरुआत है। आगे चलकर इसका विस्तार होगा। हम यहां 50,000 नौकरियां और असम के संयंत्र में 20,000-22,000 नौकरियां तलाश रहे हैं। लेकिन इसमें समय लगेगा। जैसे-जैसे हम शुरुआती मील के पत्थर पार करेंगे, हम इसका विस्तार करेंगे।’

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