मुख्य बिंदु:
- यूपी सरकार पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने पर आमादा।
- निजीकरण से हजारों कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट।
- कहा- पहले केंद्र सरकार ने सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में सौंपा, अब वही यूपी में हो रहा।
- सरकार पर आरोप- पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है बीजेपी।
- बिजली कंपनियों के निजीकरण से उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ।
- अखिलेश ने कहा- सरकारी संपत्तियों को निजी कंपनियों को सौंपने की साजिश।
- बीजेपी सरकार की नीतियों से गरीबों और पिछड़ों का नुकसान।
- कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में आंदोलन की चेतावनी दी।
- पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत निगम के निजीकरण को लेकर सरकार का बचाव।
- यूपी सरकार का दावा- सुधारों के तहत हो रहे बदलाव।
- समाजवादी पार्टी ने निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन की रणनीति बनाई।
- यूपी सरकार ने कहा- निजीकरण से बिजली सेवाओं में सुधार होगा।
- विपक्षी दलों ने सरकार पर सरकारी संपत्तियां बेचने का आरोप लगाया।
- बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में हड़ताल की चेतावनी दी।
- यूपी सरकार का दावा- बिजली दरों पर उपभोक्ताओं को कोई असर नहीं पड़ेगा।
- अखिलेश यादव बोले- निजीकरण से गरीबों को सस्ती बिजली मिलनी बंद हो जाएगी।
- बीजेपी नेताओं का जवाब- विपक्ष निजीकरण को लेकर जनता को गुमराह कर रहा।
- समाजवादी पार्टी ने सरकार से निजीकरण की नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की।
- आम जनता ने बिजली कंपनियों के निजीकरण पर चिंता जताई।
- यूपी में सरकारी विभागों के निजीकरण पर लगातार बढ़ रहा विवाद।



