यह फैसला शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को बनाए रखने के लिए लिया गया।
अजमेर का पुराना नाम ‘अजयमेरु’ है, जिसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों और ऐतिहासिक दस्तावेजों में मिलता है। अजमेर अपनी सांस्कृतिक धरोहर और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए जाना जाता है। ‘खादिम’ नाम दरगाह के क्लर्कों से जुड़ा हुआ है।
विधानसभा अध्यक्ष और अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी के सुझाव पर होटल का नाम बदलने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि होटल का नाम अजमेर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाने वाला होना चाहिए।
RTDC की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा ने निगम के बोर्ड की बैठक के बाद नाम बदलने का आदेश जारी किया। अधिकारी बताते हैं कि ‘अजयमेरु’ नाम 7वीं सदी में महाराजा अजयराज चौहान द्वारा शहर की स्थापना के समय से प्रचलित है।
देवनानी ने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलकर स्वामी दयानंद सरस्वती के नाम पर रखने का प्रस्ताव भी दिया है।
अधिकारियों के अनुसार, नया नाम न केवल अजमेर की ऐतिहासिक पहचान को सहेजेगा, बल्कि शहर की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करेगा।



