अब 1 जनवरी से अगर कोई व्यक्ति किसी भिखारी को भीख देता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रशासन का मानना है कि भीख मांगने को बढ़ावा देने से शहर की छवि खराब होती है और यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है।
इस कदम के पीछे प्रशासन का मकसद भिखारियों का पुनर्वास करना और संगठित भीख मांगने वाले गिरोहों पर लगाम लगाना है। प्रशासन का कहना है कि वे भिखारियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार मुहैया कराएंगे ताकि वे अपनी आजीविका खुद कमा सकें।
यह फैसला काफी विवादित है। कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम बहुत सख्त है और इससे गरीबों की मदद करने की भावना को ठेस पहुंचेगी। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यह एक अच्छा कदम है और इससे शहर की छवि सुधरेगी।



