डप्पा में आयोजित एक बैठक में, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इस विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर हमला करार दिया है। मदनी ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों और सामुदायिक विरासत को छीनने का एक सुनियोजित प्रयास है।
मदनी ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और इन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण अस्वीकार्य है।