’30 साल की उम्र में 50 लाख कर्ज था’ पिता के बाद अपना भी बाल-बाल उधारी में डूबा, फिर ऐसी चलाई कलम कि सब बदल डाला!
अनामिका जोशी मूल रूप से केरल की हैं। उनका जन्म राज्य के छोटे से जिले आलुपुरा में हुआ था। 12वीं के बाद उनका परिवार जयपुर आ गया था। इसकी वजह उनके पिता पर कर्ज था। यह धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि उन्हें मजबूरन शिफ्ट होना पड़ा। पिता का बाल-बाल उधारी में डूबा था। उधार देने वाले घर पर आकर धमकियां देते। बुरी-बुरी बातें करते। ऐसे में अनामिका को बचपन से कर्ज से डर लगता था। संयोग देखिए कि जब वह अपने पैरों पर खड़ी हुईं तो फिर वह इसी कर्ज के भंवर में फंस गईं। हालांकि, उन्होंने तय किया कि वह इससे उबरेंगी। अनामिका ने अपनी लेखिनी के बूते स्थितियों को दोबारा पलट दिया। 30 साल की उम्र में उन पर 50 लाख रुपये का कर्ज आ गया था।
अपनी ऐड एजेंसी शुरू की
अनामिका ने दिल्ली के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने लगभग 6-7 महीने एक ऐड कंपनी में नौकरी की। वह 24 साल की उम्र में ही उद्यमी बन गई थीं। 2009 में अनामिका ने खुद की ऐड एजेंसी शुरू की थी। इसमें उनके बिजनस पार्टनर उनके पति तरुण थे। दोनों ने 2015 तक इसे मिलकर चलाया। फिर दोनों ने मिलकर ‘ऊटपटांग’ नाम का स्टार्टअप स्टोर शुरू किया। इसमें वह साइनेज, मार्क, पोस्टर जैसी चीजें बनाने लगे। उन्होंने दो से तीन साल यह कारोबार किया। फिर दोनों ने म्यूजिक और मूवीज प्रॉडक्शन हाउस के लाइसेंस प्राप्त मर्चेंडाइज क्रिएट करने का काम किया। यह कॉन्सेप्ट विदेश में काफी लोकप्रिय है। उनकी कंपनी ने एआर रहमान, जस्टिन बीबर तक के लिए काम किया। यह और बात है कि वक्त गुजरने के साथ अनामिका और उनके पति कर्ज में डूब गए। यह बिल्कुल वैसी ही स्थिति थी जो उन्होंने बचपन में देखी थी।
30 साल की उम्र में 50 लाख का कर्ज
30 साल की उम्र में अनामिका पर 50 लाख रुपये का कर्ज था। इसके चलते वह बहुत ज्यादा तनाव में रहने लगी थीं। बिजनस में नुकसान देख उन्होंने ऊटपटांग को बंद करने का फैसला किया। उनके लिए यह बेहद मुश्किल फैसला था। यह उनके बच्चे की तरह था। दिल्ली से पति-पत्नी जयपुर आ गए। 2018 में वे एक किराये के मकान में शिफ्ट हो गए। यह वह दौर था जब अनामिका को अपना बैंक स्टेटमेंट देखने में डर लगता था। वह पैसों से घबराती थीं।
खुद शुरू की फ्रीलांसिंग, पति ने पकड़ी नौकरी
जयपुर शिफ्ट होने पर अनामिका ने फ्रीलांसिंग शुरू की। वहीं, उनके पति तरुण नौकरी करने लगे। 2019 में मदर्स डे के मौके पर उनके एक दोस्त ने ईवेंट रखा था। दोस्त को लगा कि अनामिका कॉपी राइटर होने के साथ लंबे समय तक ऐड एजेंसी में काम कर चुकी हैं तो उन्हें कविताएं भी लिखनी आती ही होंगी। यह सोचकर उसने अनामिका को कार्यक्रम में इनवाइट कर लिया। तब तक उन्होंने इस बात को किसी से शेयर नहीं किया था कि वह थोड़ी बहुत पोइट्रीज लिखती हैं।
मां पर लिखी कविता को मिली सराहना
कवि सम्मेलन की बात सुनकर पहले तो अनामिका को लगा कि उनसे नहीं हो पाएगा। प्रोग्राम से एक दिन पहले अचानक उनकी मां मिलने के लिए उनके घर आ गईं। बैठे-बैठे उनके दिमाग में अपनी मां के संघर्षों का ख्याल आया। उन्होंने इसे कविता का रूप दे दिया। इस कविता का शीर्षक था- मां तुम भी गलत हो सकती हो। उनकी इस कविता को बहुत ज्यादा सराहा गया। फिर यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा।
