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रुपया चलता है तो घिसता है… जब अटल बिहारी वाजपेयी ने भ्रष्टाचार पर सुनाया राजीव गांधी का किस्सा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कई भाषण आज भी याद किए जाते हैं। उन्हें तर्कशक्ति और अच्छे वक्ता के रूप में जाना जाता था। वाजपेयी ऐसे नेता थे जिनकी क्षमताओं को देखते हुए कांग्रेस की सरकार में भी विदेश में भारत का पक्ष रखने भेजा गया था। भ्रष्टाचार को लेकर संसद में एक बार वाजपेयी ने ऐतिहासिक भाषण दिया था। उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार एक राजनीतिक रोग बन गया है। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक कथन को दोहराया। उन्होंने कहा कि एक बार राजीव गांधी ने कहा था कि मैं दिल्ली से 1 रुपया भेजता हूं, लेकिन जनता तक पहुंचते-पहुंचते केवल 19 पैसे बचता है।जब संसद में सुनाया भ्रष्टाचार का किस्सा
भ्रष्टाचार को लेकर संसद में वाजपेयी ने कहा, ‘क्या ये सच नहीं है कि भ्रष्टाचार एक राष्ट्रीय रोग बन चुका है। मुझे याद है स्वर्गीय राजीव गांधी ने एक भाषण में कहा था कि मैं दिल्ली से एक रुपया भेजता हूं। लेकिन जहां रुपया भेजता हूं वहां पहुंचते-पहुंचते 19 पैसा रह जाता है। मैंने उनसे कहा कि ये चमत्कार कैसे होता है, तो वो हंस कर कहने लगे कि जब रुपया चलता है तो वो घिसता है… रुपया घिसता है, हाथ में लगता है, जेब में जाता है, छोटा हो रहा है।’ इस बयान के बाद पूरे सदन में जमकर ठहाके लगे थे।काला धन को लेकर भी उठाया मुद्दा
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी संसद में 50 साल के विकास पर भाषण दे रहे थे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि हम आजादी के पचास साल की जयंती मना रहे हैं, लेकिन हम अभी क्यों पिछड़े हैं। वाजपेयी ने कहा था कि हमारे बीच भेद हो सकते हैं लेकिन देश के विकास के लिए क्या हम मिलजुल कर काम नहीं कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने काला धन का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने कहा था कि आम आदमी के टैक्स का पैसा कहां जाता है, किसकी तिजोरियां भरी जा रही हैं। विदेशी बैंकों में धन कैसे पहुंच रहा है।

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