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मालदीव में किसकी एंट्री और कौन होगा आउट, कल राष्ट्रपति चुनाव का आएगा परिणाम

दुनिया के सबसे खबसूरत देशों में शुमार मालदीव अपने प्राचीन समुद्र तटों, मूंगा चट्टानों और रंग बिरंगे समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन, शनिवार (30 सितंबर) को यह देश एक भूराजनीतिक प्रतिद्वंदिता का अखाड़ा बनने वाला है। कल यानी शनिवार को मालदीव में नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा। इसमें मुख्य मुकाबला वर्तमान राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और विपक्षी उम्मीदवार मोहम्मद मुइज्जू के बीच होना गै। इस मुकाबले पर न केवल मालदीव के लोगों की बल्कि भारत और चीन की नजर भी होगी, क्योंकि दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने की होड़ में हैं। ऐसे में जानें कि मालदीव राष्ट्रपति चुनाव में कौन-कौन मैदान में है और यह चुनाव भारत और चीन के लिए मायने क्यों रखता है।

मालदीव चुनाव में किसके बीच मुकाबला

शनिवार के चुनाव में मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह का मुकाबला मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी – प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के उम्मीदवार मोहम्मद मुइज्जू से होगा। मालदीव के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को आवश्यक 50 फीसदी वोट पाना जरूरी है। लेकिन, 9 सितंबर के चुनाव में सोलिह और मुइज्जू सहति कोई भी उम्मीदवार इस 50 फीसदी के जादुई आंकड़े को पार नहीं कर सका। इस चुनाव में मुइज्जू को 46 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे, जबकि सोलिह केवल 39.05 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे।

अब्दुल्ला यामीन और मोहम्मद नशीद भी बड़े खिलाड़ी

इस चुनाव में कई दूसरे प्रमुख खिलाड़ी भी हैं, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन सबसे अहम है। यामीन विपक्षी उम्मीदवार मुइज्जू के सहयोगी हैं और वर्तमान में भ्रष्टाचार के लिए 11 साल जेल की सजा काट रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी इस चुनाव में बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे हैं, जो हाल में ही अपने वफादारों के साथ वर्तमान राष्ट्रपति सोलिह की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी से बाहर चले गए और डेमोक्रेट्स नामक एक नई राजनीतिक पार्टी बनाई। आज, कई लोग नशीद को चुनावों में किंगमेकर के रूप में देखते हैं। लेकिन, सवाल उठता है कि क्या नशीद, सोलिह का समर्थन करेंगे, जिनकी पार्टी को 9 सितंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में सात फीसदी वोट प्राप्त हुआ था।

सोलिह को समर्थन पर क्या बोले मोहम्मद नशीद

मोहम्मद नशीद ने हमारे सहयोगी प्रकाशन टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि पर्याप्त समय नहीं है और मेरे समर्थन से भी राष्ट्रपति सोलिह नहीं जीत सकते। लेकिन जब मुइज्जू को समर्थन देने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मैं पीपीएम उम्मीदवार का समर्थन कर सकता हूं, क्योंकि हमारे बीच कोई समझ नहीं है।” मालदीव के पूर्व देश मंत्री अहमद शहीद ने भी बताया है कि मालदीव में इस बार का राष्ट्रपति चुनाव काफी रोचक होने वाला है, क्योंकि दोनों उम्मीदवारों के बीच बहुत ही करीबी दौड़ होने जा रही है।

मालदीव इतना अहम देश क्यों

मालदीव की भौगोलिक स्थिति के कारण यह चुनाव भारत और चीन के लिए महत्वपूर्ण है। हिंद महासागर के मध्य में स्थित लगभग 1200 प्रवाल द्वीपों का देश सबसे व्यस्त पूर्व-पश्चिम शिपिंग मार्गों में से एक के नजदीक स्थित है। ऐसे में भूराजनीतिक तौर पर मालदीव की अहमियत काफी ज्यादा है। इसका स्थान ही इसे भारत और चीन के लिए महत्वपूर्ण बनाता है, जो रणनीतिक रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में बड़ी उपस्थिति पर जोर दे रहे हैं। हाल में ही इंडिया आउट कैंपेन और मालदीव के चीन के करीब पहुंचने के कारण भारत भी इस चुनाव पर करीबी नजर रखे हुए है।

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